बीएमसी ने बदले की भावना से तोड़ा कंगना रनौत का कार्यालय, हेदेना- बॉम्बे हाईलाला


9 सितंबर को बीएमसी ने कंगना रनौत के कार्यालय में कुछ हिस्सों को अवैध बताते हुए ब्रेकफोड़ की थी जिसका विरोध में कंगना ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

जस्टिस एसजे कैथावाला और आरआई छागला की बेंच ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए कहा, ‘जिस तरह से यह ब्रेकफोड़ की गई वह अनधिकृत थी। ऐसा गलत इरादे से किया गया था। इन याचिकाकर्ता को कानूनी मदद लेने से रोकने का एक प्रयास था। अदालत ने अवैध निर्माण के बीएमसी के नोटिस को भी रद्द कर दिया है।

  • News18Hindi
  • आखरी अपडेट:27 नवंबर, 2020, 11:49 AM IST

मुंबई। बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत (कंगना रनौत) के मुंबई (मुंबई) स्थित कार्यालय में 9 सितंबर को बीएमसी (BMC) द्वारा की गई ब्रेकफोड़ को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट ने फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने कहा कि बीएमसी का एक्शन दुर्भावनापूर्ण रवैये से किया गया है। कोर्ट ने कहा कि बीएमसी को कंगना रनौत के कार्यालय में तोड़फोड़ के लिए हर्जाना देना होगा। हाईकोर्ट ने कंगना के कार्यालय के नुकसान का आकलन करने के आदेश दिए हैं। इस संबंध में अधिकारी मार्च 2021 तक अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौपेंगे।

जस्टिस एसजे कैथावाला और आरआई छागला की बेंच ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए कहा, ‘जिस तरह से यह ब्रेकफोड़ की गई वह अनधिकृत थी। ऐसा गलत इरादे से किया गया था। इन याचिकाकर्ता को कानूनी मदद लेने से रोकने का एक प्रयास था। अदालत ने अवैध निर्माण के बीएमसी के नोटिस को भी रद्द कर दिया है।

परीक्षण के दौरान अदालत ने कहा कि मामले को देख ऐसा लगता है कि विध्वंस की कार्रवाई एक्ट्रेस के बयान और बयानों के लिए उसे निशाना बनाने के इरादे से की गई है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कंगना रनौत द्वारा दायर याचिका में विध्वंस नोटिस को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि यदि आवश्यक हो तो नियमन के लिए अधिसूचना दे। 9 सितंबर को बीएमसी ने कंगना रनौत के कार्यालय में कुछ हिस्सों को अवैध बताते हुए ब्रेकफोड़ की थी जिसका विरोध में कंगना ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इसके बाद कोर्ट ने बीएमसी द्वारा की जा रही कार्रवाई पर रोक लगा दी थी।

कंगना के वकील का दावा है कि कार्यालय का 40 प्रतिशत हिस्सा ध्वस्त किया गया था। इसमें झूमर, सोफा और दुर्लभ कलाकृतियाँ शामिल हैं जिनमें कई कीमती संपत्ति भी शामिल है।





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *