
मालिनी अवस्थी को 2016 में ‘पद्मश्री’ अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है
मालिनी अवस्थी (मालिनी अवस्थी) ने कहा है कि हम लगो यहां किसी के प्रति असभ्यता के लिए यहां खड़े हैं। इसलिए हमें अपने जिम्मेदारियों के लिए सज़ा होगी।
- News18Hindi
- आखरी अपडेट:10 दिसंबर, 2020, 3:34 PM IST
32 साल से लोक संगीत में सक्रिय हैं
मालिनी ने बताया कि आज के दौर भोजपुरी फिल्म जगत में काफी बदलाव उन्हें देखने को मिल रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘लोक संगीत हमेशा मेरे दिल के करीब रहा है, क्योंकि मुझे ये लगता है कि आज की पीढ़ी को आज के दौर में इसको डीकोड करना बहुत जरूरी है और ये सोचकर इसे मैंने अपनी जिंदगी बना ली। पिछले 32 वर्षों से मैं लोक संगीत और अवधि दोनों ही गाती हूं। ‘
कलाकारों को समझनी उनकी जिम्मेदारियां होंगीउन्होंने आगे कहा, ‘पिक्चर्स में फिल्मकारों या संगीतकारों का सेंसिबिलिटी जो पहले दिखता था, वो तो अब नहीं और कहीं न कहीं पर इसके लिए मैं पूरी तरह से आज के फिल्मकारों को दोष नहीं दे सकता, इसके लिए थोड़ा सा भोजपुरी फिल्म जगत का दोषी है। । आप जो दिखना चाहते हैं वह पूरी दुनिया देखती है, इसलिए यह जिम्मेदारी कलाकरों की भी है कि बड़ी जिम्मेदारी के साथ अपनी चीजों को आगे ले जाएं। ‘
लिरिक्स पढ़ने के बाद जब मालिनी ने गाना नहीं गाया था
मालिनी ने कहा है कि हम लगो यहां किसी की असभ्यता के लिए यहां खड़े हैं। इसलिए हमें अपने जिम्मेदारियों के लिए सज़ा होगी। उन्होंने बताया कि एक बार वह एक स्टूडियो में गाने गाता गया, लेकिन उस गाने की लिरिक्स उन्हें पसंद नहीं आई तो वह वापस लौट आए और उन्होंने उस गाने को नहीं गाया।