फिल्म ‘दिल बेचारा (दिल बेखर) ’24 जुलाई को डिज़िटली रिलीज़ कर दी गई थी (फ़िल्म पोस्टल)
सुशांत सिंह राजपूत (सुशांत सिंह राजपूत) की फिल्म ‘दिल बेचारा (दिल बेखर)’ जब ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज होने वाली थी, तब उनके फैंस ने ये आवाज उठाई थी कि इस फिल्म को वे बड़े पर्दे पर देखना चाहते हैं, इसलिए इसे सिनेमाघर । केवल जारी किया जाना चाहिए।
- News18Hindi
- आखरी अपडेट:15 अक्टूबर, 2020, सुबह 11:27 बजे IST
कुछ ऐसे चाहने वाले सुशांत के फैंस थे
ऐसे में सुशांत की आखिरी फिल्म ‘दिल बेचारा (दिल बेखर)’ को लेकर ऐसी खबर सामने आई है, जो एक बार फिर से उनके फैंस के दिलों को तोड़कर रख दी है। दरअसल, सुशांत की फिल्म ‘दिल बेचारा’ जब ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज होने वाली थी, तब उनके फैंस ने ये आवाज उठाई थी कि इस फिल्म को वे बड़े पर्दे पर देखना चाहते हैं, इसलिए इसे सिनेमाघरों में ही रिलीज किया जाना चाहिए। हालाँकि, उस दौरान लोग कोरोना की परिस्थिति से भी जूझ रहे थे, इसलिए लॉकडाउन के कारण सभी सिनेमाघर भी बंद पड़े थे। फैंस का मानना था कि जब भी सिनेमाघर खोले जाएंगे, तब इस फिल्म को रिलीज किया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और फिल्म 24 जुलाई को डिजिटली रिलीज कर दी गई।
फिर से टूटा सुशांत के चाहने वालों का दिलफिल्म का ओटीटी पर रिलीज होना सुशांत के फैंस के लिए एक झटका था, क्योंकि वो सुशांत की आखिरी फिल्म सिनेमाघरों में देखना चाहते थे। इसके बावजूद फैंस सिनेमाघर खुलने का इंतजार कर रहे थे, उन्हें पूरी उम्मीद थी कि सिनेमाघर फिर से खुलते ही सुशांत की फिल्म ‘दिल बेचारा’ को जरूर रिलीज होगी, लेकिन इस बार भी ऐसा नहीं हुआ। फिल्म समीक्षक तरण आदर्श ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक पोस्ट के जरिए यह जानकारी दी कि इस फिल्म को सिनेमाघरों में अब रिलीज नहीं किया जाएगा, जिससे सुशांत के फैंस का दिल एक बार फिर से टूट गया है।
‘दिल बेचारा’ के जरिए सुशांत लोगों को इस तरह का संदेश दिया गया
सुशांत की ‘दिल बेचारा’ एक इमोशनल लव स्टोरी फिल्म है, जिसे देखकर आपकी आंखें भर आती हैं। उन्होंने अपनी आखिरी फिल्म के माध्यम से लोगों को यह बताने की कोशिश की है कि इस दुनिया में प्यार से बड़ा कुछ नहीं है। एक ऐसा शख्स जो फिल्म में जिंदगी और मौत के बीच खड़ा है, वह मरने वाला है … लेकिन फिर भी जिंदगी के बचे कुछ पलों को वह प्यार के साथ जीना चाहती है, मुस्कुराना चाहती है और एक-दूसरे के बीच प्यार बांटना चाहती है। है। फिल्म में सुशांत की इस सोच का लोगों पर गहरा असर पड़ेगा और शायद वह भी यही चाहती हैं।