भोजपुरी जंकशन: देश में अमन आ पेट में अन्न चा समान


गॉव घर में तनाव बा। बाहर कुक्कुर बोल के तार एस। इन्हनीं के टेंशन त देल समान बाचन स, तवना में कउवन के काँव-काँव अलगे चल रहल बा। एही में बिहार में चुनाव बा। शरण से बेसी भोजपुरी गाना गूँज s ता। कोरोना के नेतृत्व में जे बेरोजगारी भईल बा ओकरा अस समान अंघी नइखे लागत। भोर के कागज शुरुज भगवान से बेसी लाल बाबा। हत्या से बेसी आत्महत्या के समाचार लउक s ता। ब्रम्हंड के पालतू जीव आत्मघाती हो गइल बा। आखिर ई कइसन समय आ गइल बा हे दुर्गा मइया।

कइसे गोहराईं तोहरा के? लाइका ऑडिट फूट-फूट के रोइं? रोइं भोंस्कर पार के? सीना चीर के देखाईं? का करीं? कइसे बुझबू कि हम दुखी बानी। हमार दुख तोहरा काहे नइखे लउकत? एक चांसरा लेखां तुहूँ मजा ले तरू? चेसरा तिपक्षी ह s। हमरा गुडाइयो में बुराइये देखेला। केतनो बड़का काम काँसे ना करीं, तारीफफ़ के दो बोल ना बोली। हमरा जवना काम के उ निन्दा करता है, ओकर आका भा गुरुजी लोग, ओही में डूबल बा। बाकिर उ ओह लोग के तलवा चाट s ता। खैर, छोड़िए, ई कुल्हि सियासी बात ह s।

तू त माई हाउ। तू दिल के सब दरद बुज़ेलू। बसंत बहरी भोकल बा ए माई। खाली बाबा। कुछ बा ना। क्या हो रहा है? इहाँ भुँजवो खाये के बा, फँड़वो टोवे के बाबा। पेट खाली बाबा। खाली पेट में दिमगवो खाली हो जाला। दिमाग कामे नइखे करत। कुछ सूझते हैं। पंडी जी से पूछनी हँ। उहाँ के कहनी हँ जे राहू-केतु ठीक नइखे चलत। खैर, उहाय के त कुंडली के आधार पर ग्रह के बात कहनी हं। हमरा त हई कुल्ही राहु-केतु लउकत बचन स। एगो जवन अपना देसवा के बाउंडरिया पर फँककत बाचन स ड्रैगनवा, ऊ.दोसर देस के भीतर के दोस्त के रूप में दुश्मन बनल घूमते तार s सन, भितरघित, ऊ। तीसर ओ, जेकरा हर काम में नुक्से लुक एस, निगेटिव मैन, ओ। ए सगरी के बुद्धि ठीक कर एस ए माई। तोहरा के छोड़ के दोसर केकरा पास जाई। तोहरा पास त रामो जी गइल रहलें। काडो त्रो वरदान से उ रावण के दुब पवलें। रावण के वध करे खातिर उ तोहरा नवो रूप के आराधना कइलें। तब तक प्रसन्न होके उनका के विजयी होके के आशीर्वाद देलू। लोक के सबसे बड़के रामजी जब तोहरा के पूजले त तोहरा से बड़कुल के बा ए दुर्गा माई।

तहरा वरदान से भगवान राम आततायी रावण के वध कर पीलाले आ माता सीता के अयोध्या वापस लंका से ले अइलें। रावण वध के एह घटना के कारण ही दशहरा पर्व के स्पष्ट पर अच्छाई के जीत के रूप में मनावल जाला आ दुर्गा पूजा के अंतिम दिन रावण के पुतला जरावल जाला। बाकिर, रावन अभी मरल नइखे। आज के रावण के त कवनो चरित्रे नइखे। उ रावण त विद्वान रहे, चरित्रवान रहे आ महान रहे। बाकिर हई रावण? दुर्गा पूजा में लकी की पूजा होला, बेटी के पूजा होला, नारी शक्ति के पूजा होला।

बाकिर तोहरा त हाथरस से लेके दिल्ली तक के सब का मालूमे बा। मालूमे बा उस देश में बेटियों के हाल बा? ..ई सब देख के हमरा बेचैनी भइल। हम कविता लिखनी। मरे हुए इक रावण को हर साल जलाते हैं हम लोग / जिंदा रावण-कंसों से तो आँख सुनते हैं हम लोग / खून हुआ है अपना पानी, इसमें आग लगाने दो / खिलने दो, स्पष्ट पहचानो, कलियों को मुसकरी दो चीर हरण का तांडव अब भी / चुप बैठे हैं पांडव अब भी / नारी अब भी दहशत में है / खेल रहे हैं कौरव अब भी / हे केशव नारी को हीं अब संगीत बनकर आने दो / खिलने दो, स्पष्ट पहचानो, कलियों को मुनकाने दो त माई हो, सब रोग के यहाँ इलाज बाड़ू।

देश के अंदर उथल-पुथल बाबा। तनाणी बाबा। कोरोना के हालात माने मानवता पर संकट बा। अइसना में तोहरा नवो रूप के प्रणाम करत बानी। सब रूप देखाव s आही दुनिया के आरक्षण s। मानवता का बचाव माई के नवो रूप माने – पहिला- माँ शैलपुत्री (धन आ एश्वर्य के देवी), द्वितीय- माता ब्रह्मचारिणी (संयम आ वैराग्य के देव), तृतीय- माता चन्द्रघंटा – (दुख से मुक्ति अभय देव), चौथा- माता कूष्मांडा (दोष) से मुक्ति दिआवे वाली देवी), पांचवां- माता स्कंदमाता (सुख-शांति के देवी), छठा- माता कात्यायनी (भय आ रोग से मुक्ति दिआवे वाली देवी), सातवां- माता कालरात्रि (शत्रु का नाश करे वाली देवी), आठवीं- माता-पिता महागौरी (अलौकिक शक्ति के देव), नवां- माता सिद्धिदात्री (सिद्धि देवे वाली देवी)।

त माई हो राम जी के समय पर नीलामी में कोई कठिनाई नहीं है। कुछ कर एस। कर s माई कुछ कर s। दुनिया में अमन आ पेट में अन्न चा समान। अइसन तैं कर s। कर s, सबेक निरोग कर s। देशे के ना, सउ ने दुनिया के कोरोना मुक्त कर s। आम आदमी भूके मोअता। सबका थाली में रोटी होके आ आँखि में नीं, एह नवरात्रि में बस अतने प्रार्थना बा ए दुर्गा माई।

अब आह अबोध के पीठ ठोक एस। सोहराय तँ कम के शेर बा। हमहूँ आपन एगो शेर रखत बानी दुनिया के सामने – काँट चारो तरफ उगावे के फूल के अस्मिता बचावे केएह दशहरा में कवनो पुतला ना मन के रावण गोण जरावे के। (लेखक मनोज भावुक सुप्रसिद्ध भोजपुरी कवि और फिल्म समीक्षक हैं।)





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *