KBC 12: फूलबासन यादव-रेणुका शहाणे ने जीता 50 लाख, हिमाचल प्रदेश से जुड़ा था सवाल


फूलबासन महिलाओं के लिए मिसल हैं।

KBC 12: पद्मश्री से सम्मानित फूलबासन यादव (फूलबासन यादव) के पास गौर इएन। उनके खेल में उनका साथ देने के लिए बॉलीवुड की होने-मानी एक्ट्रेस रेणुका शहाणे (रेणुका सहाने) भी उनके साथ पहुंचीं। उन्होंने अमिताभ बच्चन (अमिताभ बच्चन) को भी बहुत प्रभावित किया।

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  • आखरी अपडेट:24 अक्टूबर, 2020, 7:10 AM IST

मुंबई। केबीसी 12 (KBC 12) में आने वाले कर्मवीर स्पेशल (करमवीर स्पेशल) हफ्ते में बीते शुक्रवार (23 अक्टूबर) को पद्मश्री से सम्मानित फूलबासन यादव (फूलबासन यादव) कोौर गौर आईएनएन। उनके खेल में उनका साथ देने के लिए बॉलीवुड की होने-मानी एक्ट्रेस रेणुका शहाणे (रेणुका सहाने) भी उनके साथ पहुंची। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले की रहने वाली फूलबासन महिलाओं के लिए मिसल हैं। मां बम्लेश्वरी वह जनहित कार्य समिति के माध्यम से आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़ी महिलाओं की मदद करती हैं। उन्होंने अमिताभ बच्चन (अमिताभ बच्चन) को भी बहुत प्रभावित किया। इस शो से वह 50 लाख रुपये जीतकर वापस लौटे।

50 साल की फूलबासन यादव (फूलबासन यादव) भारत में छत्तीसगढ़ की आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़ी महिलाओं के विकास के लिए अथक प्रयास कर रही हैं। पहले आत्मनिर्भर बनने के लिए उनकी गरीबी से संघर्ष और फिर दूसरों को सशक्त बनाने में उनका योगदान, कई लोगों के लिए एक प्रेरणा है। शो में 50 लाख के लिए पूछे गए सवाल का उन्होंने सही जवाब दिया। 50 लाख के लिए हिमाचल प्रदेश से जुड़ा सवाल पूछा गया था।

सवाल था, ‘इनमें से कौन एक पर्यावरणविद था, जो अपने राज्य हिमाचल प्रदेश में, अवैध खनन के खिलाफ लड़ाई लड़ने और जोरदार आवाज उठाने के लिए जाना जाता है?’

ए। किंकरी देवी बी। दया बाई
सी। मानसी प्रमुख
D. बोनस कोट

इसका सही जवाब फूलबासन को नहीं पता था। उन्होंने इस सवाल के जवाब के लिए अपने लाइफ लाइन पूछ दी एक्सपर्ट का इस्तेमाल किया और उनकी मदद से इस सवाल का सही जवाब ऑप्शन ए किंकरी देवी को चुना और 50 लाख रुपये की धनराशि जीत ली। इसके तुरंत बाद ही हज़ बजने की वजह से शो को यहीं रोकना पड़ा।

फूलबासन यादव अपने स्वयंसेवी समूहों के माध्यम से वे रोजगार के अवसर पैदा करके न सिर्फ महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बना रहे हैं, बल्कि स्वच्छता, स्वास्थ्य और जलाशय जैसी गांव की जरूरतों का भी ध्यान रख रहे हैं। साथ ही वे बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता भी फैला रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने गांव में व्यसन मुक्ति अभियान चलाने के लिए एक ‘महिला फौज’ भी तैयार की है, ताकि उन घरेलू हिंसा के मामलों पर लगाम लगाई जाए।

रेणुका शहाणे ने फूलबासन से इम्प्रेस ने कहा, ‘इमकी कहानी सुनकर, भले ही मैं पढ़ी-लिखी हूं, मुझे बुरा लगता है, क्योंकि मैं शिक्षित हूं, तो मैं कभी भी समाज के लिए कुछ करने की क्यों सोचती हूं?’





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