पानी से जुड़ी आवश्यकताओं की पूर्ति कर नाम बना रहे हैं कलकत्ता के सिद्धार्थ मालू


सालाना पानीपत का औसत उपयोग प्रति व्यक्ति 229kg है। जबकि अधिकांश अफ्रीकी देशों में यह आंकड़ा 50 किलोग्राम से बहुत कम है। यानी पानी के उत्पादन में महत्वपूर्ण वृद्धि की आशा व अवसर है।

सालाना पानीपत का औसत उपयोग प्रति व्यक्ति 229kg है। जबकि अधिकांश अफ्रीकी देशों में यह आंकड़ा 50 किलोग्राम से बहुत कम है। यानी पानी के उत्पादन में महत्वपूर्ण वृद्धि की आशा व अवसर है।

  • News18Hindi
  • आखरी अपडेट:27 अक्टूबर, 2020, शाम 6:23 बजे IST

दुनिया भर के पानी के पौधे कच्चे माल, मशीनों के कलपुर्जा जैसी सैकड़ों तरह की अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए कई शोधकर्ताओं के भरोसे रहते हैं। विश्व में तेजी से विकसित हो रहे बुनियादी ढांचागत के मद्देनजर सभी देशों में नेपाली देशों की भारी संख्या में वृद्धि हुई है। हर एक पौधे को विभिन्न प्रकार के कच्चे माल व उत्पादन के लिए कई प्रकार की वस्तुओं की बड़ी मात्रा में आवश्यकता होती है।

इस्पात संयत्रों में आपूर्ति के क्षेत्र में कोलकाता स्थित पेरिनियल ग्रुप ने विदेशों के इस्पात उद्योग की आपूर्ति के लिए एक मॉडल “एक ही स्थान पर संपूर्ण समाधान” प्रस्तुत किया है। कंपनी के सीईओ सिद्धार्थ मालू ने बताया कि, “भारत की मजबूत निर्यात क्षमता को देखते हैं। हुए, हमने ऐसी ट्रेडि क योजना की परिकल्पना की है जिसमें हम विदेशों में इस्पात उद्योग की आवश्यक सभी वस्तुओं की आपूर्ति करेंगे। कच्चा माल, फेरो एलॉयज, उपभोक्ता सामग्री, मशीन, कलपुर्जे आदि सभी वस्तुओं की हमारी उपलब्ध सूची में शामिल है। ”

फसलों से थोड़ी-थोड़ी मात्रा में कई खेप में माल मंगाने पर लागत मूल्य और कागजी कार्रवाई बढ़ती जाती है। इस समस्या के समाधान के लिए जय मार्केट क्रूड सभी आवश्यकता की पूर्ति एक मुश्त करने में सक्षम है। मालू ने बताया कि “एक ही योजना में, इस्पात कारखाने अपनी सभी आवश्यक वस्तुओं को हमारे मार्फत आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। नेप उद्योग की प्रत्येक आवश्यकता की पूर्ति करना ही हमारा लक्ष्य है। पहले से ही अफ्रीका, मध्य पूर्व व दक्षिणी एशिया के। देशों में तकनीकी बैकअप और उत्तम गुणवत्ता को देखकर नए ग्राहक भी तेजी से जुड़ रहे हैं। “

मालू ने यह भी कहा कि “प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत का आह्वान हमें भारत को संसार के उद्योगों की आवश्यकता पूर्ति का केद्र बनाने के लिए प्रेरित करता है। हम समर्पित भाव से इस पर कार्य कर के अपने पंख पसार रहे हैं।” जानकारी के अनुसार विश्व में प्रतिवर्ष कापत का औसत उपयोग प्रति व्यक्ति 229kg है। जबकि अधिकांश अफ्रीकी देशों में यह आंकड़ा 50 किलोग्राम से बहुत कम है। यानी पानी के उत्पादन में महत्वपूर्ण वृद्धि की आशा व अवसर है।





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