अक्षय कुमार की मुक लक्ष्मी बम ’पर फूटा मुकेश खन्ना का गुस्सा, कहा- डि इसे डिफ्यूज करो’


सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है मुकेश खन्ना का इंस्टा पोस्ट।

मुकेश खन्ना (मुकेश खन्ना) ने कहा कि ये दशहरा फिल्मी लोग इसलिए करते हैं क्योंकि वे जानते हैं कि इसमें शोर मचेगा। लोग चिल्लाएंगे, फिर चुप हो जाएंगे, लेकिन लगे हाथों फिल्म का प्रमोशन हो जाएगा।

  • News18Hindi
  • आखरी अपडेट:29 अक्टूबर, 2020, 1:48 PM IST

नई दिल्ली। बॉलीवुड के ‘खिलाड़ी’ अक्षय कुमार (अक्षय कुमार) इन दिनों अपनी मोस्ट अवेटेड फिल्म ‘लक्ष्मी बॉम्ब (लक्ष्मी बम)’ के प्रमोशन में व्यस्त हैं। ऐसे में सोशल मीडिया पर अक्षय की इस फिल्म के टाइटल को लेकर बवाल मचा हुआ है। अब इस मामले में दिग्गज अधिकारी मुकेश खन्ना (मुकेश खन्ना) ने भी अपने सोशल नेटवर्किंग साइट इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक लंबा चौड़ा पोस्ट लिखा है, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।

‘फिल्म को लेकर क्या लिखा पोस्ट में
मुकेश खन्ना ने अपेन पोस्ट में लिखा, ‘क्या’ लक्ष्मी बॉम्ब ‘टाइटल से कोई फिल्म रिलीज नहीं होनी चाहिए? इस पर पूरे देश में बहस छिड़ी हुई है। कुछ लोग फिल्म को बैन करने की मांग कर रहे हैं। मुझसे पूछो तो फिल्म बैन जायज नहीं है, क्योंकि किसी ने फिल्म अभी तक नहीं देखी है, बस ट्रेन देखी है। फिल्म अभी बाकी है। इसलिए टाइटल की ही बात करते हैं। लक्ष्मी के आगे बॉम्ब जोड़नांकट से भरा लगता है। कॉर्मशियल इंटरेस्ट की सोच लगता है। क्या यह अलाउ करना चाहिए? जाहिर नहीं है! क्या आप ‘अल्लाह बॉम्ब’ या ‘बदमाश जीसस’ की फिल्म का नाम रख सकते हैं? जाहिर नहीं है! तो फिर ‘लक्ष्मी बॉम्ब’ कैसे !!!

दर्शकों से की ऐसी अपीलउन्होंने आगे लिखा, ‘ये दशहरा फिल्मी लोग इसलिए करते हैं क्योंकि वे जानते हैं कि इसमें शोर मचेगा। लोग चिल्लाएंगे, फिर चुप हो जाएंगे, लेकिन लगे हाथों फिल्म का प्रमोशन हो जाएगा। फिल्म तो रिलीज होनी ही चाहिए। लोग टूटते पड़ेंगे। फर्स्ट डे थिएटर पर देखने के लिए कि इस फिल्म में क्या है? फिल्म के टाइटल का क्या मतलब है? ये होता आया है … होता रहेगा … इसे रोकना होगा! और ये जनता जनार्दन ये जनता ही कर सकती है। एक बात तो साफ है। इन कामरियल लोगों में हिंदुओं का डर या खौफ रत्ती भर नहीं है। वे उन्हें सहिष्णु मानते हैं। सॉफ्ट टारगेट समझते हैं। उन्हें पता है कि किसी और धर्म या संप्रदाय से ये पंगा लेंगे तो तलवारें निकल आएगी। इसलिए उन्हें फिल्म के टाइटल नहीं बनते। ‘

‘लक्ष्मी बॉम्ब’ को की डिफ्यूज करने की बात
पोस्ट के अंत में वह लिखते हैं, ‘कुछ लोग इसे लव जिहाद या इस्लामिक फंडिंग का नाम दे रहे हैं। हो सकता है, नहीं भी हो सकता है, लेकिन फिल्म्स में 40 साल बिता कर इतना तो दावा के साथ कह सकता हूं कि हर खादुसर अपनी फिल्म को हिट देखना चाहता है। इसलिए ऐसे पैंतरे लाता है। ‘लक्ष्मी बॉम्ब’ उन्हीं में से एक है। डिफ्यूज करो इसे !!!! ‘





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