शोविक चक्रवर्ती ने तीसरी बार दायर की याचिका याचिका, सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया


अपने भाई शोविक चक्रवर्ती के साथ एक्ट्रेस प्रधान चक्रवर्ती।

एक्टर सुशांत सिंह राजपूत (सुशांत सिंह राजपूत) की मौत से जुड़े ड्रग्स मामले में गिरफ्तार शोविक चक्रवर्ती (शोविक चक्रवर्ती) ने सुप्रीम कोर्ट (सुप्रीम कोर्ट) के एक हालिया आदेश का हवाला देते हुए एक बार फिर याचिका के लिए याचिका दायर की है।

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  • आखरी अपडेट:7 नवंबर, 2020, 11:07 PM IST

मुंबई। एक्टर सुशांत सिंह राजपूत (सुशांत सिंह राजपूत) की मौत से जुड़े ड्रग्स मामले में गिरफ्तार शोविक चक्रवर्ती (शोविक चक्रवर्ती) ने सुप्रीम कोर्ट (सुप्रीम कोर्ट) के एक हालिया आदेश का हवाला देते हुए यहां एक विशेष अदालत में एक बार फिर जमानत याचिका दायर की। है। एक्ट्रेस प्रधान चक्रवर्ती के भाई शोविक को सितंबर में नार्कोटिक्स कंट्रोलर ब्यूरो (एनसीबी) ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद से शोविक की जमानत पर रिहा होने की यह तीसरी कोशिश है।

इससे पहले, विशेष अदालत और बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपनी याचिका याचिका खारिज कर दी थी। शोविक ने नार्कोटिक्स नियंत्रण और मन: प्रभावी पदार्थ (एनीपीएस) अधिनियम संबंधी मामलों की सुनवाई कर रही विशेष अदालत के समक्ष हाल में याचिका दायर कर शीर्ष अदालत के हालिया आदेश का जिक्र किया, जिसमें कहा गया है कि एनसीबी अधिकारियों के समक्ष गए ‘इकबालिया बयानों का सबूत नहीं माना जा सकता है।

शोविक ने अपनी याचिका में कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने अपने हालिया आदेश में यह उचित निर्णय सुनाया कि एनडीपीसी कानून (मौजूदा मामले के संबंध में) के तहत जिन अधिकारियों को अधिकार दिए गए हैं, वे पुलिस अधिकारी हैं, जो साक्ष्य कानून की धारा 25 के दायरे में आते हैं। परिणामस्वरूप उनके सामने दिए गए इकबालिया बयान पर एनडीपीएस कानून के तहत किसी आरोपी को दोषी ठहराने के लिए विचार नहीं किया जा सकता था। ‘ कहा गया है कि भारतीय साक्ष्य कानून की धारा 25 के अनुसार किसी पुलिस अधिकारी के समक्ष दिए गए कोई भी बयान किसी भी अपराध में आरोपी के खिलाफ इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।

मामले में ‘गलत तरीके से फांसाया’ गया: शोविकवकील सतीश मानेशिंदे के जरिए दायर की गई याचिका में कहा गया है, ‘शीर्ष अदालत के आदेश के मद्देनजर परिस्थितियों में स्पष्ट रूप से बदलाव हुआ है, जिसके कारण जमानत को लेकर फिर से विचार किए जाने की आवश्यकता है।’ शोविक ने याचिका में कहा है कि उन्हें मामले में ‘गलत तरीके से फंसाया’ गया है। याचिका में कहा गया कि आरोपी के खिलाफ बिना सोचे समझे धारा 27 (ए) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

कहा गया है कि अभी तक पेश की गई हिरासत में लेने संबंधी अर्जियों में ऐसे किसी आरोप का जिक्र नहीं किया गया है, जो एनडीपीएस अधिनियम की धारा 27 ए के तहत आते हैं। दावा किया गया है कि एनसीबी ने शोविक द्वारा खरीदे गए नशीले पदार्थों की मात्रा और नशीले पदार्थों के प्रकार के बारे में कुछ नहीं कहा है।

याचिका में कहा गया है कि आम आदमी की भाषा में, जांच एजेंसी का मामला यह है कि शोविक सुशांत को नशीले पदार्थ मुहैया कराने में समन्वय स्थापित करता था। यानी, अगर शोविक की कोई कथित भूमिका नहीं है, तो वह दिव्या एक्टर के लिए नशीले पदार्थों की थोड़ी मात्रा खरीद रही है और इसके लिए उनके खिलाफ लगाए गए आरोप जमानत योग्य हैं।

इसमें आरोप लगाया गया है कि जांच एजेंसी ने शोविक को नशीले पदार्थ खरीदने और इसके लिए वित्तीय मदद मुहैया कराने वाले व्यक्ति के तौर पर गलत तरीके से दिखाया। मानेशिंदे ने बताया कि इस मामले में अगले सप्ताह परीक्षण होने की संभावना है। एनसीबी सुशांत की मौत से जुड़े नशीले पदार्थों के मामले की जांच कर रही है। सुशांत का शव 14 जून 2020 को उपनगर बांद्रा स्थित उनके आवास से पाया गया था।





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