लक्ष्मी समीक्षा: अक्षय कुमार के धाकड़ किन्नर अवतार के अलावा आपकी झोली में कुछ नहीं होगा ये ‘लक्ष्मी’


लक्ष्मी 2011 की तमिल की सुपरहिट फिल्मम ‘कांचना’ का रीमेक है।

लक्ष्मी मूवी की समीक्षा: अक्षय कुमार (अक्षय कुमार) और कयारा आडवाणी (किआरा आडवाणी) की मोहित अवेटेड फिल्म्स ‘लक्ष्मी’ (लक्ष्मी) 2011 की तमिल की सुपरहिट फिल्मम ‘कांचन (कंचना) का रीमेक वर्जन है। अपने पहले लुक से ही अक्षय ने इस फिल्मम के ल’िए जबरदस्त बज क्रिएट कर द दीया था, लेकिन रलीज के बाद ये साफ है कि अक्षय की जबरदस्त एक्टिंग के अलावा ये ‘लक्ष्मी’ इस द दीवाली ‘आपकी झोली में कुछ और डालकर नहीं जाने वाली।

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  • आखरी अपडेट:10 नवंबर, 2020, सुबह 7:30 बजे IST

मुंबई। लक्ष्मी मूवी की समीक्षा करें: अक्षय कुमार (अक्षय कुमार) और कयारा आडवाणी (कियारा आडवाणी) की मोहित अवेटेड फिल्म्स ‘लक्ष्मी’ (लक्ष्मी) ड़ीजनी पल्लस हलसर () पर रिलिज हो गई हैं। अक्षय की इस फ़िल्मम का उनके फैंस को लंबे समय से इंतजार था और इसी तरह को देखते हुए ससीनामा रिलिज को सर पास करते हुए इस फ़िल्मम को ओटीटी पर र लिलीज कर द़िया गया। अक्षय कुमार, जो पाइछले कुछ सालों से लगातार बेहद अलग हटकर फिल्में करते हैं नजर आ रहे हैं, इस फिल्मम में पहली बार एक किन्नर के किरदार में नजर आए हैं। अक्षय कुमार की ये फ़िल्में 2011 की तमिल की सुपरहिट फ़िल्मम ‘कांचना’ (कंचना) का रीमेक वर्जन है। अपने पहले लुक से ही अक्षय ने इस फिल्मम के ल’िए जबरदस्त बज क्रिएट कर द़िया था, लेकिन फिल्मोंम रिल्लीज के बाद ये साफ है कि अक्षय कुमार की जबरदस्त एक्टिंग के अलावा ये लक्ष लक्ष्मी ’के ‍ दीवाली’ आपकी झोली में कुछ और डालकर नहीं जाने वाली रही। ।

कहानी: ‘लक्ष्मी’ की कहानी एक शादीशुदा श्रृंखला से शुरू होती है जिसमें रश्मि (कियारा आडवाणी) हिंदू है और आसिफ (अक्षय कुमार) मुस्लिम। धर्मों के इसी अंतर के चलते रश्मि का परिवार इस शादी को नहीं मानता और कई सालों से अपनी बेटी से नहीं मिला। रश्मि की मां आखिरकर अपनी शादी की सालगिरिह पर अपनी बेटी-दामाद को बुलाती है। आसिफ भूत-प्रेत से जुड़े लोगों के अंधवधिवास को दूर करने का काम करता है लेकिन अपने ससुराल में पहुंचकर वह खुद ही एक भूत की चपेट में आ जाता है। ये भूत ही एक किन्नर का भूत है। अब ये ग्राफ आसिफ से कितना दूर होता है, कैसे कहानी में ट्विस्ट आता है, उसके साथ आप ये फिल्म्स देखनी होगी।

Laxmii Review, अक्षय कुमार

फिल्मेंम की पॉजिटिव चीज की बात करें तो इसके सबसे जबरदस्त चीज हैं अक्षय कुमार, और इस फिल्मम में देखने लायक चीज भी सशिर्फ अक्षय कुमार ही हैं। अक्षय आसिफ़ से लेकर लक्ष्मी किन्नर की आकृतमा आने के अवतार में जबरदस्त रूप में नजर आए। उन्हें अपने इस किरदार को खूब पकड़ा है और काफी इंप्रैस किया है। इसके अलावा असली लक्ष्मी के किरदार में नजर आए एक्टर्टर के केलकर इस फिलम का सरदार पैकेज हैं जिन्न 15 मिनट तक में ही अपनी छाप छोड़ दी है। लेकिन फिल्मोंम की पॉजिटिव चीजें बस यहीं ख्रेडम हो जाती हैं। फिल्मोंम के शोक सूरतपन्ले से लेकर, आसपास के किरदारों तक, सब कुछ अतरंगी और ॉन नॉन अभिनय ’करती हुई नजर आती है।इस फिल्मम में कब क्या हो रहा है, कई बार दर्शकों के लिए समझना बेहद मुश्किल हो जाता है। भूत-हो की बात करते-करते अक्षय कुमार अचानक कियारा आडवाणी को अपने सपने में खींचकर ले जाते हैं और ‘बुर्ज-खलीफा’ पर नाचने लगते हैं। लोग एकदूसरे को बेवजह थपपड़ मार रहे हैं, जो परिवार बेटी की मुस्लिम धर्म में शादी होने पर नाराज है उसी परिवार में कियारा की मां पीर बाबा से बात करने के लीलिए अचानक उर्दू बोलने लगती हैं … लक्ष्मी ‘एक हॉरर-कॉमेडी है लेकिन फिल्मम में कॉमेडी करने की इतनी बुरी कोशिश है क्युकी ये कॉमेडी ही हॉरर साबित हो जाती है। शायद केवल फिल्मेंम का कोई पंच ऐसा हो जो आपको देखने के बाद याद हो।

Laxmii Review, अक्षय कुमार

ओवरऑल कहें तो ये फ़िल्मम अक्षय कुमार के करियर की उन खराब फ़िल्मों में से एक होगी, जिसमें उनका अभिनय बहुत बढ़ गया था। मेरी ओर से फिल्मम को 2 अंकतार।

डिटेल्ड रेटिंग

कहानी :
स्क्रिनप्ल :
डायरेक्शन :
संगीत :





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