ये तारीखें 12 से 19 नवंबर तक होंगी।
दर्शकों का रुख स़िनेमाघरों की तरफ करने के ल’िए यश राज फिल्म जगत ने एक बड़ा कदम उठाया है। वाईआरएफ ने पीवीआर, आईएनएक्स और सिनापोलिस सिनेमाघरों को अपनी कई चर्चित फिल्में द कीवाली के मौके पर मुफ्त में चलाने की इजाजत दे दी है। इसका सबसे बड़ा फायदा दर्शकों को होगा।
- News18Hindi
- आखरी अपडेट:10 नवंबर, 2020, 10:16 AM IST
लॉकडाउन के बाद फ़ोटो की प्रक्रिया शुरू हुई और 15 अक्टट से देशभर में स़िनेमाघरों को खुलने की इजाजत माइल गई, लेकिन इसके बाद भी स सनेमाघर खाली पड़े हैं। वास्तव में अभी तक एक नई फिल्मम सलीनामाघरों में रलीज के लहीए तैयार नहीं हुई है। महाराज और 5 नवंबर से सनिमाघर खुले हैं। ऐसे में यश राज फिल्म्सस ने अपनी सुपरहिट फिल्में जैसे ‘वीर जारा’, ‘सुल्तान’, ‘मरदानी’, ‘रब ने बना दी जोड़ी’, ‘एक थी टाइगर’, ‘जब तक है जान’, ‘बैंड बाजा बारात’ सहित कई फ़िल्में बनिए की फीस के चलाने के लीये दे दी हैं। यश राज फिल्म्स इस साल अपना 50 वां सालगिरह मना रहे हैं।
इस दिवाली, एक बार फिर YRF 50 बिग स्क्रीन समारोह के साथ बड़े परदे पर सबसे बड़ी ब्लॉकबस्टर देखने का आनंद लें @_PVRCinemas, @INOXMovies तथा @IndiaCinepolis # YRF50 pic.twitter.com/rlzusEDbdY
– यश राज फिल्म्स (@yrf) 9 नवंबर, 2020
YRF का ये फैसला सनिमेघरों में दर्शकों को फीर से लाने के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। कोरोना की वजह से सनेमाघर मध्य कैपेसिटी के साथ शोज रन करने के लिए तैयार हैं, लेकिन फिर भी नई फिल्मोंमों की कमी के चलते वेबकैम नहीं आ रहे हैं। जानकारी के अनुसार ये सभी फ़िल्में 12 से 19 नवंबर के बीच द जाए ंगीाईएगी और इसके लाईविएंट सिटिर्फ 50 रुपये होंगे।
एक शाश्वत प्रेम कहानी। सिनेमाघरों में, 13 नवंबर, ऑस्ट्रेलिया में ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ देखें। # DDLJ25 pic.twitter.com/Q668pv0KsI
– यश राज फिल्म्स (@yrf) 9 नवंबर, 2020
लॉकडाउन के चलते कई प्रोड्यूसर्स ने फिल्ममों से स़िनेमाघरों के बजाए सीधे ओटीटी पर रिलीज़ करने का फैसला लिया था और इस फैसले को लेने वाली पहली फ़िल्मम थी न तोहक शुजित सरकार की ‘गुलाम सलीबातो’। इसके बाद ‘शकुंतला देवी’, ‘दील बेचारा’, ‘खाली पीली’ जैसी कई फ़िल्में बिल्कुल ओटीटी पर आ गईं। खादुसरों के इस फैसले से सनिमेघघर मालििक काफी निरश हुए और उन्होंने कहा कि ये इन नाराजगी का माहौल भी नहीं था। लेकिन यश राज फिल्म्सस का ये फैसला शायद ससनेमाघर मालिसिक की नाराजगी के कुछ कम कर दे।