हैप्पी बर्थडे अमोल पालेकर: कभी क्लर्क की नौकरी करते थे ये दिग्गज अभिनेता, गर्लफ्रेंड के चक्कर में बन गए एक्टर


24 नवंबर 1944 को जन्मे अमोल पालेकर हिंदी के अलावा मराठी फिल्मों में भी काफी सक्रीय थे (फोटो: सोशल मीडिया)

हैप्पी बर्थडे अमोल पालेकर: 24 नवंबर 1944 को जन्मे अमोल पालेकर (अमोल पालेकर) हिंदी के अलावा मराठी फिल्मों में भी काफी दिलकश थे। अपने संजीदा और कॉमेडी रोल में अमोल पालेकर ने ऐसे-ऐसे किरदार सिनेमा को दिए हैं जिनको फिर से रिक्रीएट करना नामुमकिन है।

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  • आखरी अपडेट:24 नवंबर, 2020, 2:37 अपराह्न आईएसटी

70 और 80 का दशक। राजनीतिक पटल पर जब देश इमरजेंसी और उसके दिए हुए घावों को भर रहा था। आर्थिक रूप से जब एशिया के बड़े देशों के मुकाबले अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिश चल रही थी। क्रिकेट की चुनौतियों से जूझकर जब विश्व विजेता के तौर पर देश की ताजपोशी हो रही थी और जब बड़े पर्दे पर ‘फेंके हुए पैसों को ना उठाकर’ अमिताभ बच्चन आधी आबादी को दीवाना बना रहे थे, तब चिपके हुए बाल और मूछों के ‘गोलमाल’ थे। में फंसाकर, एक साधारण सा व्यक्ति ‘बातों-बातों में’ दर्शकों के ‘घरोंदे’ में आहिस्ता से घुसता जा रहा था। देखा जाए तो ‘बात छोटी सी ही थी’ लेकिन इस अभिनेता ने जब उन छोटी-छोटी बातों को बड़े पर्दे पर दिखाया तो शीर्ष पर बैठे दिग्गज अभिनेताओं का भी आसन डगमगाने लगा था!

बेलबॉटम नुमा लंबी पतंगों के दौर में वह कहती थीं कि ‘लंबे कपड़े पहनना बहुत खूबसूरत फैशन है!’ देश के राजनीतिक उथल-पुथल के बीच वह अपने मजाकिया स्वभाव में ये कहने का साहस रखता था कि ‘कौन कम्बख्त कहता है कि हिटलर मर गया है!’ और 10 गुंडों को एक घंसे से मार गिरा देने वाले अभिनेताओं के बीच उन लोगों के पास जो मामूली सा बैंक कर्मचारी या एक छोटे से ऑफिस में काम करने वाला क्लर्क बन जाता था। हम बात कर रहे हैं अभिनेता अमोल पालेकर (अमोल पालेकर) की, वे आम आदमी जो बेहद खास बने रहते हैं भी आम इंसान का चेहरा बना रहे और उसी सादगी के साथ करोड़ों दिलों पर राज करता रहा है।

अमोल पालेकर

फोटो: सोशल मीडिया

फिल्मों में आने से पहले किया बैंक में काम24 नवंबर 1944 को जन्मे अमोल पालेकर हिंदी के अलावा मराठी फिल्मों में भी काफी सक्रीय थे। अपने संजीदा और कॉमेडी रोल में अमोल पालेकर ने ऐसे-ऐसे किरदार सिनेमा को दिए हैं जिनको फिर से रिक्रीएट करना नामुमकिन है। ‘गोलमाल’ फिल्म में उनका किरदार, रामप्रसाद दशरथप्रसाद शर्मा, आज भी लोगों के जहान में कैद है। मगर कम ही लोग जानते हैं कि प्रदर्शन और निर्देशन के क्षेत्र में आने से पहले वह एक बैंक में काम करते थे। अमोल पालेकर बैक ऑफ इंडिया में वेंडिंग कब तक नियुक्त किए गए थे। अमोल पालेकर को पेंटिंग का भी बहुत शौक था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक पेंटर के तौर पर की। उन्होंने जे। जे। स्कूल ऑफ आर्ट से पढ़ाई की और कलाकार के क्षेत्र में सक्रीय रहे। अमोल पालेकर बताते हैं कि पेंटिंग उनका पहला प्यार है। 2014 से वे फिर पेंटिंग के क्षेत्र से जुड़ गए हैं। उनका कहना है कि उनके दिन की शुरुआत रंग और और तनाव से होती है।

गर्लफ्रेंड के कारण बन गया एक्टर
अमोल पालेकर की गर्लफ्रेंड चित्रा, जो उनकी छोटी बहन की क्लासमेट थी, ने उन्हें फिल्मों में काम करने के लिए प्रेरित किया। दोनों की रुचि निर्माता और पेंटिंग में थी जिसके कारण दोनों एक दूसरे के करीब आते हैं। चित्रा एक निर्माता कलाकार थे और अमोल उनकी रिहर्सल में थे। वहां उनकी मुलाकात लेखक और निर्देशक सत्यदेव दुबे से हुई जिन्होंने अमोल पालेकर को सिनेमा में अपना करियर बनाने के लिए प्रेरित किया।





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