बॉम्बे हाईकोर्ट ने खारिज की दिशा सालियन की मौत की सीबीआई जांच की रिक्वेस्ट को खारिज कर दिया


दिवंगत एक्टर सुशांत सिंह राजपूत और उनकी पूर्व प्रबंधक दिशा सालियन।

बॉम्बे हाईकोर्ट (बॉम्बे हाई कोर्ट) ने दिवंगत एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व प्रबंधक दिशा सालियन (दिशा सलियन) की मौत की अदालत की निगरानी में सीबीआई जांच के रिक्वेस्ट याचिका गुरुवार को खारिज कर दी।

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  • आखरी अपडेट:26 नवंबर, 2020, 10:57 अपराह्न आईएसटी

मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट (बॉम्बे हाई कोर्ट) ने दिवंगत एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व प्रबंधक दिशा सालियन (दिशा सलियन) की मौत की कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच के रिक्वेस्ट याचिका गुरुवार को खारिज कर दी। इसके साथ ही अदालत ने कहा कि अगर किसी व्यक्ति को इस मामले में कोई जानकारी नहीं है, तो वह पुलिस से संपर्क करने के लिए आजाद है।

मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की खंडपीठ ने कहा कि ऐसी कोई याचिका दायर करने के लिए याचिकाकर्ता, दिल्ली स्थित अधिवक्ता पुनीत ढांडा का मामला से कोई संबंध (लोकस स्टैंडाई) नहीं है। अदालत ने सवाल किया, ‘आप कौन हैं? अगर दिशा सालियन नामक व्यक्ति की मौत में कोई गड़बड़ी है, तो उसका परिवार कानून के अनुसार उचित कदम उठा सकता है। ‘

इस साल 8 जून को उपनगरीयमालाड में एक रिहायशी इमारत की 14 वीं मंजिल से गिरने से 28 वर्षीय सालियन की मौत हो गई थी। इस संबंध में नगर पुलिस ने श्रीमतीटावश मौत की रिपोर्ट (एडीआर) दर्ज की थी। ढांडा ने अपनी याचिका में रिक्वेस्ट किया था कि दिशा सलियन की मौत का मामला सीबीआई को सौंप दिया जाए और हाईकोर्ट द्वारा इसकी निगरानी की जाए।

अदालत ने याचिका को खारिज करते हुए अपने आदेश में कहा कि पांच अगस्त को मुंबई पुलिस ने एक राष्ट्रपति नोट जारी कर कहा था कि अगर किसी भी व्यक्ति को दिशा सालियन की मौत से संबंधित कोई जानकारी नहीं है, तो वह पुलिस से संपर्क कर सकती है। अदालत ने कहा, ‘यह दिखाने के लिए रिकॉर्ड पर कुछ भी नहीं है कि याचिकाकर्ता ने पुलिस से संपर्क किया है। याचिकाकर्ता ने सीधे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।’सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था और डांडा को पहले हाईकोर्ट जाने का निर्देश दिया था। उसके बाद ढांडा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिकाकर्ता के वकील विनीत ढांडा ने दलील दी कि कई मीडिया रुझानों में कहा गया था कि सालियन की हत्या हुई है और पुलिस ने उचित जांच किए बिना मामले को बंद कर दिया है। पीठ ने कहा कि अगर याचिकाकर्ता के पास कोई जानकारी नहीं है तो वह पुलिस से संपर्क कर सकते हैं।





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