किसानों से जुड़े बयान पर ट्रोल हुए सनी देओल, लोगों ने कहा-


सनी देओल ने अपने बयान में कहा कि वह सरकार और किसान दोनों के साथ हैं। (फोटो: सनी देओल के इंस्टाग्राम से)

सनी देओल (सनी देओल) ने अपने बयान में कहा कि वे सरकार और किसान (किसान) दोनों के साथ हैं। ऐसे में लोगों का ये कहना है कि उनकी इस बात से स्पष्ट ही नहीं हैं कि वे किसकी तरफ हैं। इसी बात को लेकर लोगों ने उन्हें ट्रोल करने की शुरुआत कर दी है।

  • News18Hindi
  • आखरी अपडेट:7 दिसंबर, 2020, 2:41 PM IST

बीजेपी के सांसद और कार्यकारी सनी देओल (सनी देओल) ने रविवार को ट्विटर (ट्विटर) पर एक राज्य जारी करते हुए लिखा कि केंद्र सरकार हमेशा किसानों की भलाई के लिए सोचती है। मगर सैटेलाइट पर लोगों ने सनी देओल को उनके इस बयान पर ट्रोल (सनी देओल ट्रोल किया) कर दिया। सनी को ट्रोल करने की वजह उनकी सरकार और किसानों को लेकर अतिरिक्त थी। पहले पढ़ें कि सनी देओल ने अपने बयान में क्या लिखा है।

सनी देओल ने लिखा- “मेरी पूरी दुनिया से विनती है कि यह किसान और हमारी सरकार का मामला है। इसके बीच कोई भी ना आया क्योंकि दोनों आपस में बातचीत करके इसका हल निकालेंगे, मैं जानता हूं कि कई लोगों को इसका फायदा उठाना चाहते हैं और वो लोग अड़चन डाल रहे हैं। वह किसानों के बारे में बिल्कुल नहीं सोच रहे उनका अपना ही खुद का कोई स्वार्थ हो सकता है ।दीप सिद्धू, जो चुनाव के वक्त मेरे साथ था, लंबे समय से मेरे साथ नहीं है वह जो कुछ कह रहा है। और कर रहा है वह खुद अपनी इच्छा अनुसार कर रहा है, मेरी उसकी किसी भी गतिविधि से कोई संबंध नहीं है। मैं अपनी पार्टी और किसानों के साथ हूं और हमेशा किसानों के साथ रहूंगा हमारी सरकार ने हमेशा किसानों के भले के बारे में ही सोचा था। है और मुझे यकीन है कि सरकार उनके साथ बातचीत करके सही नतीजे पर पहुंचेगी। “सनी देओल ने अपने बयान में कहा कि वे सरकार और किसान दोनों के साथ हैं। ऐसे में लोगों का ये कहना है कि उनकी इस बात से स्पष्ट ही नहीं हैं कि वे किसकी तरफ हैं। इसी बात को लेकर लोगों ने उन्हें ट्रोल करने की शुरुआत कर दी है। लोगों ने उन्हें ‘डिप्लोमैटिक’ और ‘दो मुन’ कहना शुरू कर दिया। ऐसा नहीं है, लोगों ने उनसे जुड़े मीम्स भी शेयर करना शुरु कर दिए हैं। एक यूजर ने सनी देओल के ही बयान को कोट कर के लिखा- “मैं चड्ढा और दामिनी के साथ हूं।”

गौरतलब है कि पंजाब और हरियाणा के हजारों किसान 26 नवंबर से दिल्ली के बॉर्डर पर तैनात हैं। वे अपनी मांग पूरी करवाना चाहते हैं। वे चाहते हैं कि सरकार किसानों से जुड़े बिल को वापिस ले जाए।





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