कविशाला कॉन्क्लेव 2020 में बोले अनूप सोनी, कलाकार सबसे ज्यादा टारगेट होते हैं …


अनूप सोनी ने कविशाला द्वारा आयोजिहत कॉन्क्लेव में अपनी बात रखी।

‘क्राइम पेट्रोल’ (क्राइम पेट्रोल) के होस्ट और एक्टर अनूप सोनी (अनूप सोनी) ने कविशाला द्वारा आयोजिहत कॉन्क्लेव (कविशाला कॉन्क्लेव 2020) में अपनी बात रखी। अनूप ने यहां साहित्‍यक का स‍िनेमा पर प्रभाव विषय पर बात की।

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  • आखरी अपडेट:28 दिसंबर, 2020, शाम 5:45 बजे IST

नई दिलवाली ‘सशिनेमा के लोग चाहे वो एक्टर हो, न होक या कोई कलाकार, ये हमेशा सॉफ्ट टारगेट होते हैं। कुछ भी बोल दो, कुछ नहीं कह रहा है ये कहना है कि ये कहना है कि ‘क्राइम पेट्रोल’ (क्राइम पेट्रोल) के होस्ट और एक्टर अनूप सोनी (अनूप सोनी) का जो हाल ही में कविशाला द्वारा आयोजिहत कॉन्क्लेव (कविशाला कॉन्क्लेव 2020) में अपनी बात रख रहे थे। एक्टटरों की होने वाली ट्रोलिंग से स़िनेमाई प्रयोगों में भारतीय स़िनेमा के पिछड़ने तक, अनूप सोनी ने कई वशिष्ठों पर अपनी बात रखी।

कविशाला, कविताओं का एक बड़ा मंच है जो हर भाषा की कविताओं को लोगों तक पहुंचाने का काम करता है। कविशाला का ये कॉन्क्लेव 23 से 27 दिसबार तक डिजिटली आयोजीत किया जा रहा है। जन राय से अलग राय रखने पर पत्रकारों की होती है ट्रोलिंग पर अनूप सोनी ने कहा, ‘कलाकारों को कुछ बोलने में कश्यी को डर नहीं लगता। उन्हें आप भांड-मिरसी भी बोल देते हैं, नचनिया भी बोल देते हैं, नोटंकी भी कह देते हैं .. लेकिन आप उन्हें वहीं चाहते हैं आप भी हैं। ये बड़े सो टरगेट रहे हैं। ये हमारे यहाँ हमेशा से ही दोहरे मापदंड रहे हैं। ‘

उन्हें आगे कहा, ‘सार्वजनिक फिगर होने के नाते हमारे पास खोलने के लिए कुछ है, लेकिन ट्रोल के पास खोलने के लिए इच्छा है। लेकिन आप ये मानकर चल रहे हैं कि आप जो ट्रोल कर रहे हैं वे इस दुनिया के सबसे डरपोक और सेल्फ़-कॉर्मपलेक्ट्सड लोग हैं। मुझे लगता है कि कोई भी व्‍यक्ति जकिस अपनी कला से अपनी वशिष्ठ पर गर्व करेगा वह कभी भी गाली-गलोच कर आपको ट्रोल नहीं करेगा।

वहीं हिंदी सशिमेंट में साहित पाठ के लिए और उसकी कमी पर उन्होंने कहा कि वह वास्तव में ये सब बातें बजीज से जुड़ी हुई हैं और इसे उस तरीके से भी देखना चाहिए। जब आप एक बड़ी फिल्मम बनाते हैं जिसमें पैसा लगा होता है तो आप फिर रित्न में मुनाफा भी चाहते हैं। ऐसे में सब बात रेगवेसी पर आ जाती है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में काफी नई सानीमामा बनी है जो नई है। मुझे लगता है कि जब तक हमारे देश में शशिक्षा का शतर नहीं बढ़ेगा, लोग सलीमा की समझ रखेंगे तो साहित्‍य के जुड़ाव वाली फिल्‍में और बेगी। ‘

अनूप सोनी ने इस कॉन्क्लेव में हिंदी के जाने माने कवि नागार्जुन की कविता, ‘कालिदास’ भी पढ़कर सुनी।







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