अलविदा 2020: बॉलीवुड की चमक रही फीकी, इन विवादों के साये में गुजरा साल


मुंबई। अपनी चमक-दमक के लिए भिन्नाना जाने वाला बॉलीवुड वर्ष 2020 में विवादों से घिरा रहा। कोरोनावायरस महामारी के कारण फिल्में तो नहीं बन सकीं, लेकिन फिर भी फिल्म उद्योग से जुड़े तमाम लोग सुर्खियों में छा रहे हैं। हमेशा से लोगों को लुभाने वाले बॉलीवुड को ड्रग्स (बॉलीवुड में ड्रग्स) के मामलों को लेकर जनता की आलोचना का सामना करना पड़ा। साथ ही एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की कथित आत्महत्या (सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या) के दुख से बॉलीवुड पूरी तरह उबर नहीं बना।

वर्ष 2020 की शुरुआत में ही एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण के जेएनयू दौरे, फिर सुशांत सिंह राजपूत की मौत और इसके बाद एक्ट्रेस कंगना रनौत और महाराष्ट्र सरकार के बीच तनातनी के कारण बॉलीवुड राजनीतिक शोहरमी का अखाड़ा बना रहा है। कोरोनावायरस महामारी के चलते कोई नई फिल्म नहीं बन सकी क्योंकि फिल्म निर्माण रुका रहा और सिनेमा हॉल भी बंद रहा। हालांकि, हिंदी फिल्म उद्योग और इसके सितारे लगातार सुर्खियों में बने रहे, जिसके कारण कई विवादास्पद बातें सामने आती रहीं।

अपनी खराब होती छवि के बीच बॉलीवुड किसी बड़े सहयोगी की आस में जा रहा है। एक्ट्रेस और सांसद जया बच्चन ने राज्यसभा में फिल्म इंडस्ट्री की निगेटिव इमेज पेश करने का आरोप लगाया और इस इंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को ‘गटर’ करार देने वालों से पूरी तरह असहमति जताई। इस वर्ष की शुरुआत में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ जारी विरोध-प्रदर्शन के बीच के सैद्धांतिक मंत्री पीयूष गोयल ने 5 जनवरी को इस विवादास्पद कानून को लेकर बॉलीवुड की हस्तियों के साथ चर्चा की। वहीं, फिल्म उद्योग से जुड़े अनुराग कश्यप और जोया अख्तर ने सीएए के विरोध में जारी धरना-प्रदर्शन में भाग लिया।

इसके अगले ही दिन सभी को चौंकाते हुए एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर पहुंची और नकाबपोश भीड़ के हमले का शिकार हुए छात्रों के साथ अपनी एकजुटता प्रदर्शित की। हालाँकि, उन्होंने इस दौरान कोई बयानबाजी नहीं की, लेकिन फिर भी इस कदम के कारण उनकी फिल्म ‘छपाक’ के बहिष्कार का कथित आह्वान किया गया। सीएए के विरोध और समर्थन को लेकर बॉलीवुड दो खेमों में बंटा नजर आए। इसके बाद सुशांत सिंह राजपूत का शव 14 जून को उनके बांद्रा स्थित फ्लैट में पाया गया। इस मौत ने पूरे बॉलीवुड को झकझोर कर रख दिया और फिल्म इंडस्ट्री वंशवाद और शक्ति वर्चस्व को लेकर जबरदस्त बहस में घिर गई। तमाम लोग और यहां तक ​​की बॉलीवुड की कुछ हस्तियों ने माना कि कथित तौर पर बाहरी होने के कारण राजपूत को निशाना बनाया गया था।

राजपूत की मौत के सिलसिले में मुंबई पुलिस की जांच के घेरे में कई हस्तियों आईं, जिनमें राजपूत की गर्लफ्रैंड रिया चक्रवर्ती, यशराज फिल्म्स के आदित्य चोपड़ा, फिल्मकार संजय लीला भंसाली आदि प्रमुख रहे। इस पूरे मामले ने बाद में उस समय राजनीतिक रंग ले लिया, जब राजपूत के पिता केके सिंह ने 25 जुलाई को शासक और उनके परिवार वालों के खिलाफ पटना में फेमिया दर्ज कराया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार से इस मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की और फिर महाराष्ट्र और बिहार राज्य सरकारों के बीच जुबानी जंग जारी रही।

सुशांत की मौत के मामले की जांच के दौरान बॉलीवुड के कथित तौर पर नशे की चपेट में होने के मामले भी सामने आए। नार्कोटिक्स नियंत्रण ब्यूरो (NCB) इस मामले की जांच में जुटा है। ड्रग्स मामले में दीपिका पादुकोण, सारा अली खान, श्रद्धा कपूर और रकुल प्रीत सिंह सहित कई बॉलीवुड हस्तियों से हस्तक्षेप की जा चुकी है। इस बीच, खादुसर गिल्ड ऑफ इंडिया ने बॉलीवुड को लेकर किए जा रहे कवरेज पर नाराजगी जाहिर करते हुए एक बयान भी जारी किया था, जिसमें एक्टर-एक्ट्रेसेज को निशाना बनाने को लेकर नाराजगी जताई गई थी।

बात यहीं नहीं रूकी। एक्टर सलमान खान, आमिर खान, शाहरुख खान, करण जौहर और अक्षय कुमार जैसी बड़ी हस्तियों के एक समूह ने दो टीवी चैनलों के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया। इन हस्तियों ने अपनी याचिका में बॉलीवुड की छवि खराब करने का आरोप लगाया था। अदालत से सोशल मीडिया और टीवी चैनलों पर कथित मानहानि करने वाली टिप्पणियों के प्रसारण पर रोक लगाने की रिक्वेस्ट की थी।

इस पूरे विवाद के बीच उस समय नया मोड़ आ गया, जब ‘सुशांत के लिए इंसाफ’ अभियान को एक्ट्रेस कंगना रनौत ने अपना समर्थन दिया। रनौत ने फिल्म उद्योग के एक वर्ग पर ड्रग्स की गिरफ्त में होने का आरोप भी लगाया। वह इतने पर ही रूकीं नहीं और उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कोटव ठाकरे और उनकी सरकार की भी खुली आलोचना की। रनौत ने मुंबई की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से कर रखी है और कहा कि उन्हें मुंबई की पुलिस से डर लगता है। इस बीच, कंगना के बयान को लेकर जारी राजनीतिक उठापटक के बीच उन्हें वाई-प्लस श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई गई।

वहीं, कुछ दिन बाद शिवसेना नीत बृष्णमुद्र महानगर पालिका ने राउत के बंगले में कथित अवैध निर्माण को लेकर तोड़-फोड़ की कार्रवाई की। इसको लेकर विवाद और गहराता चला गया और मामला अदालत तक पहुंच गया। उधर, हाल ही में लागू तीन नए कृषि कानूनों को लेकर जारी किसानों के विरोध-प्रदर्शन का पंजाबी एक्टर दिलजीत दोसांझ, गुरु रंधावा और गुरदास मान ने समर्थन जताया है। वहीं, राउत ने कानूनों को किसानों के हित में करार दिया, जिसके बारे में दोसांझ और रनौत के बीच वेब पर जमकर बहस हुई।

देश में बॉलीवुड को लेकर जारी बहस के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सितंबर में प्रदेश में फिल्म सिटी स्थापित किए जाने की महत्वाकांक्षी योजना पेश की। वहीं, शिवसेना सांसद संजय राउत ने दावा किया कि मुंबई की फिल्म सिटी को किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित करना इतना आसान काम नहीं है।





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