
बॉलीवुड कलाकार ब्रिजेंद्र काला ने दो फिल्मों इरफान खान को याद करते हुए मजेदार कहा कि है।
बॉलीवुड कलाकार ब्रजेंद्र काला बताते हैं, ‘मैं, इरफान (इरफान), तिगमांशु हुसिया और कंचन घोष की चौकड़ी पिछले 20 साल से थे। मुझे याद है कि इरफान से मेरी मुलाकात तिगमांशु ने 1997 के आसपास की थी। उस वक्त हम सभी बॉलीवुड (बॉलीवुड) में जाने के लिए रास्ते तलाश रहे थे।
काला बताते हैं, ‘मैं, इरफान (इरफान), तिगमांशु हुसिया और कंचन घोष की चौकड़ी पिछले 20 साल से थे। मुझे याद है कि इरफान से मेरी मुलाकात तिगमांशु ने 1997 के आसपास की थी। उस वक्त हम सभी बॉलीवुड (बॉलीवुड) में जाने के लिए रास्ते तलाश रहे थे। उसी दौरान इरफान का रुझान निर्देशन की तरफ हो गया ।जबकि मैंने लिखा था। केवल दूरदर्शन पर आने वाले एक कार्यक्रम के लिए मैंने स्क्रिप्ट लिखी और 45 मिनट के कार्यक्रम को इरफान ने निर्देशित किया। इसके बाद भँवरे ने खिलाया फूल भी हमने बनाया।जिसे तिगमंशु ने निर्देशित किया, मैंने लिखा और इरफान ने प्रमुख किरदार प्लेया।
धीरे धीरे फिर इरफान (इरफान खान) एक्टिंग की तरफ बढ़ते चले गए और एक समय ऐसा आया जब इरफान अपने आप में एक्टिंग का एक स्कूल हो गए। इस दौरान हमने साथ में पान सिंह तोमर फ़िल्म भी की। वह दौर बहुत मजेदार था।

ब्रजेंद्र काला ने न सिर्फ इरफान के साथ फिल्मोंमों में काम किया बल्कि ये 20 साल तक दो साल तक चले रहे हैं।
जब 4-4 बेगमों वाले अफगानी शेख बनते थे इरफान
इरफान बहुत ही ज़िंदादिल इंसान थे। बहुत दिलचस्प किस्सा है कि 21 साल पहले हम चारों इरफान, तिगमांशु, कंचन और मेरी पत्नी एक साथ प्रेग्नेंट हो गए थे। चारों ओर अपनी पत्नियों की बातें करते थे। उस वक्त इरफान के पास मारुति 8 हंड्रेड कार थी। तो इरफान चारों दोस्तों की पत्नियों को कार में बिठाते थे और उन्हें मलाड खरीदारी करने और घुमाने ले जाते थे। हम सब पीछे पीछे पहुँचते हैं। वहाँ कार से सबसे पहले उतरते फिर कार का एक गेट खुलते हैं। जब चारों ओर प्रेग्नेंट महिलाएं उतरतीं तो वो नजारा देखने वाला होता था। इरफान खुद अफगानी शेख बन जाते थे और कहते थे कि ये उनके 4-4 बेगम हैं। ये सब देखकर हम सब बहुत हंसते थे।
इतना ही नहीं इरफान ने जब हम सब के बच्चे गए तो उन्हें एक 45 मिनट का चरण भी बनाया गया था। उस वक्त बचे 1-2 साल के थे।
जब मेरे किरदार पर घण्टों हंसते रहे इरफान
काला याद करते हैं, ‘पान सिंह तोमर में इरफान बागी बने थे और मैं एक दब्बू और डरपोक साधक हूं। मुझे इरफान का इंटरव्यू लेना था। जैसे ही से शुरू हुआ, कैमरा अन हुआ मैंने डायलॉग बोलना शुरू किया, तो में ही कैमरा हिलने लगा और जोर जोर से हंसने की आवाज आई। देखा तो इरफान और कैमरामैन मेरी एक्टिंग पर हंस रहे थे। फिर से शुरू हुआ तो दोनों का फिर वही हाल। कई बार ऐसा होने पर मैंने निर्देशक को कहा कि ये दोनों को शांत कर लो तभी सीन शूट करूँगा। तब जाकर इरफान शांत हुए और बोले कि यार तुम्हारा डर पर बहुत हंसी आ रही है। हालांकि हम लोगों की ट्यूनिंग इतनी अच्छी थी कि आँखों में देखकर ही एक दूसरे की मंशा भांप जाते थे।
जब मेरे किरदार पर घण्टों हंसते रहे इरफान