‘राम प्रसाद की तेरवी’ मातम के माहौल में लगाती है हसी का तड़का, ड्रामा, कॉमेडी और ट्रेजडी का नमूना धमाका


(फोटो क्रेडिट: इंस्टाग्राम / @ vikrantmassey87)

‘रामप्रसाद की तेरहवीं (राम प्रसाद की तेरवी मूवी)’ भले ही कम बजट की फिल्म है, लेकिन दमदार एक्टर्स से भरी यह फिल्म अपने शानदार कटेंट के कारण दूसरे सप्ताह भी दर्शकों को अपनी ओर खींचने में कामयाब रही है।

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  • आखरी अपडेट:8 जनवरी, 2021, 12:16 PM IST

राम प्रसाद की तेरवी की समीक्षा: Jio Studios और Drishyam Films की नए साल के मौके पर यानी 1 जनवरी 2021 को रिलीज़ हुई ‘राम प्रसाद की तेरहवीं (Ram Prasad Ki Terhvi)’ बतौर निर्देशक निर्देशक सीमा पहवा (Seema Pahva) की पहली फिल्म है। कुछ राज्यों में महामारी, नाइट कर्फ्यू के बावजूद, नवोदित निर्देशक सीमा पाहवा द्वारा निर्देशित यह छोटे बजट की फिल्म एक भारतीय मिडिल क्लास फैमिली की कहानी है। जो परिवार मुखिया की मौत के बाद तेहरवीं समारोह करने के लिए 13 दिनों के लिए एक साथ आता है। जिसके बाद कॉमेडी, ड्रामा और ट्रेजडी का दौर शुरू होता है।

‘रामप्रसाद की तेरहवीं (राम प्रसाद की तेरवी मूवी)’ भले ही कम बजट की फिल्म है, लेकिन दमदार एक्टर्स से भरी यह फिल्म अपने शानदार कटेंट के कारण दूसरे सप्ताह भी दर्शकों को अपनी ओर खींचने में कामयाब रही है। क्रिटिक्स की मानें तो फिल्म की कहानी लोगों को खुद से जोड़ने वाली है। सीमा पहवा की इस फिल्म को हर तरफ से मिल मिल रही हैं।

फिल्म को मिल रही विनियमन पर निर्देशक सीमा पहवा कहती हैं- ‘रामप्रसाद की तहरवीं को समीक्षकों ने जो पॉजिटिव रिस्पॉन्स मिल रहा है, उससे मैं बहुत खुश हूं। यह अत्यंत उत्साहजनक है। इस फिल्म ने दर्शकों को बाहर निकलने और अच्छी फिल्म देखने की उम्मीद भी दी है। मैं बहुत ज्यादा था और कुछ नहीं चाहता था। ‘

फिल्म कई शानदार कलाकारों से सजी है। ‘रामप्रसाद की तेरहवीं’ में नसीरुद्दीन शाह, सुप्रिया पाठक, कोंकणा सेन शर्मा, परमब्रता चटर्जी, विनय पाठक, विक्रांत मैसी और मनोज पाहवा ने फिल्म की कहानी के किरदारों को अच्छे से जिया है। फिल्म न्यू, ऑस्ट्रेलिया और फिजी में एक साथ रिलीज हुई है और अब मॉरीशस में रिलीज होने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इसके साथ ही अन्य देशों में भी फिल्म जल्द ही रिलीज होगी।

फिल्म की कहानी
‘रामप्रसाद की तेरहवीं’ एक फैमिली ड्रामा फिल्म है, जो उत्तर भारत की एक मिडिल क्लास फैमिली पर बेस्ड है। घर के मुखिया ‘राम प्रसाद भार्गव’ (नसीरुद्दीन शाह) जिनके पाँच बेटे हैं, जिनकी अचानक मृत्यु हो जाती है। इसके बाद उनका पूरा परिवार उनके पुराने घर में एकत्रित होता है। जहाँ उनकी पत्नी ‘सावित्री’ (सुप्रिया पाठक) अकेली रहती हैं। इस बीच परिवार के लोगों को पता चलता है कि रामप्रसाद के ऊपर भारी कर्जा था। किसके लिए जरूरी है। इसके बाद इस परिवार में क्या-क्या होता है, इसके लिए आपकी फिल्म देखना जरूरी है।







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