हैप्पी बर्थडे अरुण गोविल: भगवान राम के किरदार से हुए थे मशहूर, जानिए अरुण गोविल के जीवन से जुड़े कुछ अनसुने किस्से


अरुण गोविल

हैप्पी बर्थडे अरुण गोविल: आज दिग्गज अभिनेता अरुण गोविल अपना जन्मदिन मना रहे हैं। अरुण गोविल को भगवान राम के किरदार से खूब पहचान मिली लेकिन उनके जीवन से जुड़े कुछ ऐसे किस्से भी हैं जिन्हें लोग कम जानते हैं। आइए आपको उन्हीं किस्सों के बारे में बताते हैं

  • News18Hindi
  • आखरी अपडेट:12 जनवरी, 2021, 5:48 AM IST

अभिनेता अरुण गोविल (अरुण गोविल) किसी भी पहचान के मोहताज नहीं हैं। 80 के दशक में अंत में टीवी पर शुरु हुए कार्यक्रम रामायण (रामायण) में राम का किरदार निभाया है इस दिग्गज एक्टर को देश ही नहीं विदेशों में भी लोग अच्छे से जानते हैं। जिस वक्त रमायाण प्रसारित होता था तब ना तो सोशल मीडिया था ना ही टीवी न्यूजपेपररी उसके बावजूद राम के रूप में अरुण गोविल को पूरे देश में पहचान मिली थी। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सब उन्हें भगवान ही मानते थे।

12 जनवरी 1958 को जन्मे अरुण गोविल का फिल्मी सफर पहले फिल्म से शुरु हुआ था। उसके बाद उन्होंने कुछ और फिल्में भी कीं लेकिन 1987-88 के दौर में भगवान राम के रूप में उनके किरदार ने बहुत नाम कमाया। उनके रोल को भी बहुत सराहा गया। पिछले साल 2020 में जब लॉकडाउन लगा तो सरकार ने फिर से नेशनल पर रामायण का प्रसारण शुरू किया और आज के वक्त के लोगों को भी अरुण गोविल के दमदार प्रदर्शन के बारे में पता चला।जब अरुण गोविल ने सिगरेट पीना छोड़ दिया थापिछले साल ‘रामायण’ की पूरी टीम सीरियल के 33 साल पूरे होने के जरीन में कपिल शर्मा के शो पर शिरकत करने पहुंची थी। इस दौरान अरुण गोविल के साथ दीपिका चिखलिया और सुदेश लहरी ने शो के दौर में उनके साथ हुए कुछ दिलचस्प किस्सों को साझा किया। इन्हीं में से एक किस्सा था, जिसमें अरुण गोविल ने बताया था कि उन्होंने सिगरेट की लत कैसे छोड़ी.अरुण गोविल बताते हैं कि ‘उन दिनों मैं भानुमती के साथ एक तमिल की शूटिंग कर रही थी। इस फिल्म में मैं बालाजी तिरुपति के किरदार में थी। मुझे सिगरेट पीने का शौक था। एक बार लंच के बाद मुझे तबल दिया गया और मैं सेट पर ही एक पर्दे के पीछे जाकर सिगरेट पीने लगा। तभी वहाँ पर एक सज्जन आए और मुझे घूरकर देखते हुए ना जाने क्या-क्या सुनकर चले गए। मुझे उनकी भाषा समझ में नहीं आई तो मैंने पास में ही खड़े एक शख्स से पूछा कि ये मुझसे क्या कह रहे थे? इस पर मुझे पता चला कि वो सज्जन कह रहे थे कि हम तुम्हें भगवान समझते हैं और तुम यहाँ बैठ कर सिगरेट पी रहे हो? ‘

इस किस्से को बताते हुए अरुण कहते हैं कि ‘कपिल जी, वह दिन था और आज का दिन है … मैंने कभी सिगरेट नहीं पी।’ इसके अलावा उन्होंने ये भी बताया कि पहली बार जब वो रामानंद सागर के सामने भगवान राम के किरदार के लिए औडिधान देने पहुंचे थे तब उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया था। हालांकि बाद में उन्हें कॉल आया कि उन्हें रामायण में ‘राम’ का किरदार मिल गया है।अपनी मुस्कान से जीता सबका दिल थाताराचंद बर्जातिया को अरुण गोविल की मुस्कान बहुत आकर्षक लगती थी। उन्होंने ही अरुण गोविल से कहा था कि उन्हें अपनी मुस्कान का फायदा उठाना चाहिए। उन्होंने अरुण से कहा था कि उनकी मुस्कान से ही अरुण गोविल को कई रोल मिल सकते हैं। अरुण ने जब राम के किरदार के लिए ऑडिशन दिया था तो पहली बार में उन्हें सिलेक्ट नहीं किया गया था। लेकिन बाद में उनमें सिलेक्ट कर लिया गया। रामानंद सागर के द्वारा उन्हें सिलेक्ट करने का एक कारण अरुण गोविल की मुस्कान थी जो उन्हें भी बहुत आकर्षक लगी थी।

जब राम के किरदार के बाद फिल्में मिलना मुश्किल हो गया थाअरुण गोविल ने इंटरव्यू में बताया कि रामायण शो इतना सफल हुआ था कि हर घर में लोग उन्हें पहचानने लगे थे। लेकिन उनके लिए इस किरदार के बाद मुश्किलें बढ़ गई थीं। वास्तव में कमर्शियल सिनेमा के लिए निर्माता उन्हें साइन नहीं कर रहे थे क्योंकि उनके अनुसार वे उन रोल के लिए फिट नहीं बैठते थे। मगर अरुण का मानना ​​है कि उन्हें इस बात का कोई मलाल नहीं है क्योंकि उन्हें लोग भगवान राम के तौर पर ही याद करते हैं।







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