BMC ने बॉम्बे हाईकोर्ट से कहा- अवैध निर्माण के मामले में आदतन अपराधी सोनू हैं


सोनू सूद (फोटो साभार- @ sonu_sood / Instagram)

अवैध निर्माण (अवैध निर्माण) मामले में जहां एक तरफ सोनू सूद (सोनू सूद) को मुंबई हाईकोर्ट (बॉम्बे हाई कोर्ट) से बड़ी राहत मिली है तो वहीं दूसरी तरफ बीएमसी (BMC) ने उन पर बडा आरोप लगाया है।

  • News18Hindi
  • आखरी अपडेट:12 जनवरी, 2021, 10:49 PM IST

मुंबई। बृह्नुमल नगर निगम (बीएमसी) (BMC) ने बिलासपुर उच्च न्यायालय (बॉम्बे उच्च न्यायालय) में मंगलवार को दाखिल हलफनामे में अवैध निर्माण (अवैध निर्माण) मामले में सोनू सूद पर बड़ा आरोप लगाया है। बीएमसी ने एक्टर को यह नोटिस उपनगर जुहू स्थित उनके रिहायशी भवन में कथित तौर पर बिना अनुमति के अवैध रूप से परिवर्तन को लेकर जारी किया था। जिसके लिए एक्टर ने बॉम्बे हाई कोर्ट की ओर रुख किया था। वहीं अब बीएमसी की ओर से हाई कोर्ट को कहा गया है कि बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद (सोनू सूद) ‘आदतन अपराधी’ हैं, जो पहले दो बार विध्वंस कार्रवाई के बावजूद उपगनरी जूहू में एक रिहायशी इमारत में अनधिकृत तरीके से निर्माण कार्य करवाते रहे हैं। ।

बी.एम.सी. ने पिछले साल अक्टूबर में सोनू सूद को नोटिस जारी किया था। नोटिस में कहा गया कि दिसंबर 2020 में दिवानी अदालत में चुनौती दी जाएगी, लेकिन अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी। इसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का रुख किया। उच्च न्यायिक ने बीएमसी को इस मामले में हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा था। बीएमसी ने अपने नोटिस में आरोप लगाया था कि सूद ने छह मंजिला की शक्ति सागर की रिहायशी इमारत में ढांचागत बदलाव कर उसे वाणिज्यिक होटल में तब्दील कर दिया था।

नगर निकाय ने अपने हलफनामे में कहा, ‘याचिकाकर्ता आदतन अपराधी हैं और अनधिकृत कार्य से पैसे कमाना चाहते हैं। लिहाजा उन्होंने लाइसेंस विभाग की अनुमति के बगैर ध्वस्त किए गए हिस्से का एक बार फिर अवैध रूप से निर्माण कराया ताकि इसे होटल के रूप में इस्तेमाल किया जा सके ‘। बीएमसी ने सितंबर 2018 में अवैध निर्माण के लिए प्रारंभिक कार्रवाई शुरू की गई थी, लेकिन सर्वोच्च ने अवैध निर्माण जारी रखा। 12 नवंबर 2018 को अनधिकृत निर्माण को ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू हुई।







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