
कर्मचारी अधिकारी आ टाइमिंग वाला कॉमेडियन संत श्रीवास्तव-
संतोष श्रीवास्तव भोजपुरी कॉमेडियन के रूप में स्थापित कलाकार हवें। आज़मगढ़ के चकपुर बंदर में जनमल संतोष अपना फिल्मी करियर की शुरुआत 1999 में हिंदी फ़िल्म आधी रात से कइलें जवन उत्तरप्रदेश के पहिला टैक्स फ्री फ़िल्म होने आ अंध विश्वास पर आधारित रही। जवना मे उनकर पुलिस इंस्पेक्टर की भूमिका रही। वर्ष 2004 में भोजपुरी फ़िल्म ससुरा बड़ा प्यासा बनल जेमेंस संतोष भोला के किरदार के रूप में हास्य अभिनेता के रूप में आपन हिरी दर्ज करवलें। उनके उम्दा रोल वाले फिल्म ससुरा बड़ा पैसावाला, दरोगा बाबू आई लव यू, बंधन टूटे ना, भईया हमार, दुलहिनिया नाच नचाये, मंगल सूत्र, दामाद जी, जाड़े में बलदे प्यारे लगे, देवर जी, सुहाग, इंसाफ, बॉर्डर, रिक्शावाला आई लव यू आदि बाबा।
ससुरा बड़ा पाइसावाला के भोला शारीरिक रूप से त बड़ बा पर मानसिक रूप से अभियो बच्चे बा एही से ऊ कवनो भी बात कह s ता त ओह में हंसी पैदा हो जाता है। ओकर एगो डायलॉग बा, जब क्लास में “मास्टर जी पूछते हैं कि नौ सौ चूहा खा के बिल्ली कहाँ चली गई? खाली जगह भरी के बा के बताई ?? भोला भी काफी दिमाग लगावला के बाद जवाब देता है कि मास्टर साहब, नौ सौ चूहा खाके बिल्ली हगे जाई। एक्शन सुनते सिनेमा हॉल में बियाठल पब्लिक सिनेमा अउरी ताली बजावेगेगे आ जब सिनेमा हॉल से बाहर निकले त आपस मे ई सवाल पूछ के खूब एन्जॉय करे.फिल्म दरोगा बाबू आई लव यू हवलदार खरोचन के रोल संतोष के पसंदीदा रोल में से एक हा। फिल्म में मनोज तिवारी इंस्पेक्टर बनल बाडन। हर काम उल्टा पुल्टा करे वाला हवलदार खरोचन अपना मूर्खूफी वाला हरकत से दर्शक के हंसावत बा। हवलदार खरोचन अउरी ओकर साथी नोचन के जोड़ी दर्शक के लोटपोट होके खातिर मजबूर कर देता है। ई जोड़ी ओह टाइम बहुत मशहूर भइल। दिनेश लाल निरहुआ के फिल्म बॉर्डर में उर्फंदी पांडे के रोल में रहलें। उनकर पत्नी ओह एरिया के विधायक बाड़ी अउरी ऊ अपना पत्नी के पीए। जब भी भिंडी पांडेय कवनो सलाह देलें त ऊ उल्टा हो जाला आ उनकी अपनी पत्नी के हाथे झापड़ खाये पड़े हुए माने भिन्डी पाण्डेय जब-जब मुंह खोलेलें तब तब झड़ते हुए मलाला। दर्शक एह सीन के खूब दूतो करेलें।
संजय महानंद
निरहुआ अउर खेसारीलाल यादव के फिल्मन में लगातार देखाई देबे वाला संजय महानंद छत्तीसगढ़ के रहने वाले हवन। उहहवें ऊ 2001 से लेके दस साल ले लगातार छत्तीसगढ़ी फिल्म कइले। ऊ साल 2012 में मुम्बई आके दूगो हिंदी फिलिम में काम कइले। उनका प्रकाश झा के फिलिम “चक्रव्यूह” में अच्छा रोल रहल। संजय के बैकग्राउंड निर्माता से जुड़ल बा। उनकर पिता जी भी निर्माता से रहले। संजय 16 साल के उम्र में अपना करियर की शुरुआत कइलें। मुम्बई अइला के बाद उनका के 2013 में फिलिम “निरहुआस्तानी” में निरहुआ के छोटे भाई के रोल की पेशकश भईल रहे, फेर उनका लगातार फिलिम मिलागे। अभी ले संजय लगभग 30 गो भोजपुरी फिलिम कर चुकल बाबड़े।
उनकी पाँच बेहतरीन फ़िल्मों में बा “निरहुआउस्तानी” जेकरा में ऊ स्कूल के चपरासी बनल बाड़े, जे बहुते मज़ाकिया बा। आम्रपाली दुबे भी एही फिलिम से डेब्यू कइले रहली। आम्रपाली शहर से आइल नया नवेली दुलहिन के रोल में रहली। बकौल संजय, “एह फिलिम में हमार खर्राटा वाला सीन अउर बाहर शुच के दौरान कुछ लोगन के साथे हमार कॉमिक इंटरैक्शन हार्टन के बहुत पसंद आईल रहे।” उनकर अगिला बेहतरीन फिलिम “राजा के बब्बू में उनकर नैनोक्टर गोधना के रहल, जे बातूनी हासम रही रही। । एही फिलिम से उनकी पहचान मिलल। उनकर तीसरा बेहतरीन फिलिम ह “मेहंदी लगा के रखना”, जेकरा में ऊ खेसारीलाल के बचपन के दोस्त बनल बाचन अउर दूनों लोग खुंकरत करत बापन। एह फिलिम के ज्यादातर सेकुलर बा। उनकरा खातिर फिलिम “राम लाल” में एगो पैरेलल स्टोरी लिखल गाइल रहा, जेकरा में ऊ एगो लाईकी के चाहत बाड़न अउर उ लाईकी अपना मतलब खातिर उनकर इस्तेमाल किया। उनकर पांचवीं फिलिम “निरहुआ हिंदुस्तानी 2” के तकिया कलाम- अउर ना त का लोगन के बोल पर चढ़ गइल बा।
महेश आचार्य
महेश आचार्य भी संजय महानंद के तरह ज्यादातर फिल्म में हूर के दोस्त बनल बाशन हैं। हालांकि उनकर ज्यादातर फिलिम खेसारीलाल के साथे बा। और बिहार बिहार के होने वाले महेश पहिले कोरियोग्राफर रहले। उ वर्ष 2014 में आइल फिलिम ‘ए बलमा बिहारवाला’ से अपना प्रदर्शन के शुरुआत कइले। ऊ अभियो डांस डायरेक्ट करेले लेकिन उनकर कॉमेडी में ढ़ेर दम्मांड बा। बतौर कॉमेडियन उनकर अब तक 35 गो फिलिम आ चुकल बाबा। बकौल महेश उनकर पांच गोष्ठ किरदारन में से एक खेसारीलाल के फिलिम “प्यार झुकता नहीं” में हूर के दोस्त वाला रोल बा। महेश कहेले कि उनकर अउर खेसारीलाल के कॉमिक टाइमिंग बहुते मेटला, एही से फिलिम के उ सीन निखर जाला।
फिल्म संघर्ष में उनकर रोल एगो बुद्धू आदमी के रहल, जेकरा में उनकर लाठी चार्ज वाला सीन खूबले भइया रहे। महेश “ए बलमा बिहारवाला” में फ्रॉड गिरधारी मामा के रोल कइलेंड जे खेसारी अउर उनके भाई के आपन ठसक देखा के मुम्बई बोला लेता है। वर्ष 2017 में आइल फिलिम “जानम” में ऊ अउर खेसारी बाड़े, ओमे महेश लांड्री के स्टाफ के रोल में बेबनेस। मालिक अउर स्टाफ के बीच नोंकज़ोंक से कॉमेडी क्रिएट होता अउर ऊ सीन बहुते मज़ा बन जाता है। उनकर अन्य मजेदार परफॉर्मेंस वाला फिल्मन में खेसारी के साथे कुली न 1, चिंटू के साथे ससुराल, कल्लू के साथे आवारा बलम अउर सात कॉमेडियन के लेके बनल फिलिम ..गेल बताशा ”के नाम लिहल जा सकेला। (लेखक मनोज भावुक भोजपुरी सिनेमा के वरिष्ठ स्तंभकार हैं।)