
सैयामी एक स्पोर्ट्सपर्सन भी हैं। फोटो साभार- @ सैयामी / इंस्टाग्राम
फिल्म ‘मिर्ज्या’ से बॉलीवुड में अपने करियर की शुरुआत करने वाली सैयामी खेर (सैयामी खेर) खेल प्रेमी हैं।
- News18Hindi
- आखरी अपडेट:31 जनवरी, 2021, 3:06 PM IST
फिल्म ‘मिर्ज्या’ से बॉलीवुड में डेब्यू करने वाली एक्ट्रेस सैयामी खेर (सैयामी खेर) ने ऑस्ट्रेलिया की शानदार जीत पर एक किताब लिखने का फैसला किया है। सैयामी एक स्पोर्ट्सपर्सन भी हैं, जो महिला क्रिकेट टीम के लिए खेल चाहती थीं, लेकिन उनका सेलेक्शन नहीं हुआ और वे फिल्में आईं।
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, सैयामी ने कहा कि अभी भी वे ऑस्ट्रेलिया में भारतीय टीम की ऐतिहासिक जीत को जी रही हैं। क्रिकेट प्रेमी होने और इस जीत की गवाह होने के नाते मुझे लगता है कि मैं एक शानदार किताब लिखूंगी। जिस मैच में 11 फिट खिलाड़ी मिलना मुश्किल थे, फिर भी सीरीज जीत ली जाए। ये किसी आश्चर्य से कम नहीं है। किसी को विश्वास नहीं था इतना मुश्किल से जूझते हुए भी ये टीम इन शानदार विजय हासिल कर लेगी, लेकिन टीम इंडिया ने कर दिखाया। इसी बात ने मुझे सबसे ज्यादा अपील की है कि मुझे इस जीत पर एक किताब लिखनी चाहिए।
सैयामी बताती हैं कि अंतिम क्षण तक हार नहीं मानने वाली सोच ने मुझे सबसे अधिक प्रभावित किया है। खेल मेरे लिए बहुत मायने रखता है। यहाँ तक कि मेरे एक्टिंग करियर में भी बहुत सहायक है। जब भी मैं परेशान होता हूं तो खेल से ही प्रेरणा लेती हूं। जब 2016 में फिल्म ‘मिर्ज्या’ सफल नहीं रही तो मैं मैराथन में दौड़ने चली गई। खेल हर बार आपको गिरने के बाद उठना सिखाता है। खुद पर भरोसा करना शिक्षाता है। मैं इस किताब में जीत हारने के हर पल को लिखने को लेकर काफी उत्साहित और भावुक भी हूं। ये एक शानदार मानवीय कहानी होगी। स्पार्ट्स बैकग्राउंड होने की वजह से सैयामी ने अपने कुछ करीबी क्रिकेटर दोस्तों से इस बारे में बात भी की है, जो इस टीम में थे। उनके ही शब्दों में उनके अनुभव इस पुस्तक का मुख्य आकर्षण होगा।अजिंक्य रहाणे, रोहित शर्मा, चेतेश्वर पुजारा, शार्दुल ठाकुर, मयंक अग्रवाल, आरवरिन, वाशिंगटन सुंदर जैसे खिलाड़ियों का अनुभव इस किताब में होगा। सैयामी हर्षा भोगले से भी बात करेंगी।
क्रिकेट को पुरुष प्रधान खेल माना जाता है। सैयामी बताती हैं कि क्रिकेट खेलने और लिखने पर पुरुषों का ही दबदबा है, लेकिन हमारी भारतीय महिला क्रिकेट टीम बहुत अच्छा खेल रही है और हालात धीरे-धीरे बदल रहे हैं। सैयामी अपना व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए बताती हैं कि सामान्य तौर पर लोगों को लगता है कि एक लड़की क्रिकेट के बारे में क्या जानती होगी लेकिन जब वो मुझे क्रिकेट पर बोलते हुए सुनते हैं तो प्रभावित हुए बिना नहीं रहते।