हैप्पी बर्थडे: उर्मिला मीतडकर ने उन्हें ‘आंटी’ कहने वालों को बेहद कूल जवाब दिया


उर्मिला मीतडकर (फोटो साभार: इंस्टाग्राम / उर्मिलामोंतडॉर्फिक)

हाल में एक्ट्रेस उर्मिला मीतडकर (उर्मिला मातोंडकर) ने बताया कि उन्हें अक्सर आंटी कहकर ट्रोल किया जाता है, पर उन्हें इसका जरा भी बुरा नहीं लगता। उन्हें ट्रोल करने वालों को एक्ट्रेस ने विशेष संदेश दिया है।

  • News18Hindi
  • आखरी अपडेट:4 फरवरी, 2021, 4:27 बजे IST

नई दिल्ली: बॉलीवुड एक्ट्रेस उर्मिला मीतडकर (उर्मिला मातोंडकर) आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं। हाल में उन्होंने खुलासा किया था कि कई लोग उन्हें ‘आंटी’ (मौसी) कहकर ट्रोल करते हैं। साथ में उन्होंने यह स्पष्ट किया कि इससे उन्हें बुरा नहीं लगता है। एक न्यूज पोर्टल से बातचीत के दौरान उर्मिला ने बताया कि कई दफा लोग उन्हें आंटी बुलाकर ट्रोल करने की कोशिश कर रहे हैं। एक्ट्रेस ने तमाम मर्दों से हाथ जोड़कर ये स्पष्ट कर दिया कि अगर उन्हें लगता है कि इससे उन्हें बुरा लगेगा, तो वह नहीं है। वह मानती हैं कि गुजरे सालों ने उनके जीवन में कुछ-न-कुछ बेहतर जोड़ा है। वह इसे आगे समझाती हैं कि जैसे-जैसे जब बीतता है, आप हर चीज़ का ज्यादा आनंद उठाना सीख जाते हैं और जो ऐसा नहीं कर पाते, वह निराश हो जाते हैं। वह इस समय जीवन की दी हुई हर सौगात का आनंद उठा रहे हैं।

एक्ट्रेस ने यह भी बताया कि वह अपना बर्थडे ज्यादा तामज़म के साथ मनाने में यकीन नहीं रखती और उनकी परवरिश ही ऐसी हुई है। उन्होंने यह दिलचस्प खुलासा किया कि उन्हें दूसरों का बर्थडे मनाने में ज्यादा खुशी मिलती है और वह इसकी योजना बनाता रहता है। बचपन से ही उनमें और उनके भाई में दूसरों की सेवा करने का भाव रहा है। इसलिए वह सामाजिक कार्यों में वृद्धि-चढ़ कर भाग लेते हैं। उन्होंने बताया कि उनके मम्मी-पापा उन्हें बर्थडे के दिन जरूरतमंदों के लिए रुपये डोनेट करने के लिए कहते थे। वह कहता था कि उन्हें इन पैसों की जरूरत है।

बता दें कि उर्मिला मीतडकर ने 1980 में आई मराठी फिल्म से अपना फिल्मी सफर शुरू किया था। उनकी पहली बॉलीवुड फिल्म कलगो (1981) थी। हालांकि, उर्मिला मीतडकर को पहचान 1983 में रिलीज हुई फिल्म ‘मासूम’ से मिली थी। उर्मिला मीतडकर ने बाल कलाकार के तौर पर कई फिल्मों में काम किया था। बतौर लीड एक्ट्रेस वह पहली बार 1992 में आई फिल्म ‘चमत्कार’ में नजर आई थीं। इसके बाद उन्होंने ‘रंगीला’ (रंगीला), ‘जुदाई’, ‘सत्या’ (सायता), और ‘एक हसीना थी’ (एक हसीना थी) जैसी कई शानदार फिल्में की थीं।







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