
परिणीति बताती हैं कि इस रोल को निभाने के लिए किस तरह से उन्हें अपनी जिंदगी के दर्दनाक अनुभवों से दोबारा गुजरना पड़ा और कैसे इस किरदार ने उन्हें निचोड़ कर रख दिया है! परिणीति कहती है कि ‘द गर्ल ऑन द ट्रेन’ में मेरे काम को जिस तरह का रिस्पॉन्स मिल रहा है, उसे देखकर मैं वास्तव में खुश हूं। इस किरदार में फिट होने के लिए वास्तव में मैंने अपनी खून, पीठ और आंसू बहाए हैं। याद नहीं आता कि इस फिल्म के सेट पर मैं बहुत बार फूट-फूटकर रोई हूं, क्योंकि मैं उन यादों को कुरेद रही थी, जिन्हें मैंने पेशकर अपने दिलोदिमाग के भीतर कहीं बहुत गहरे दफन कर दिया था।
अभिनेत्री बातचीत को बढ़ाते हुए आगे कहती हैं कि वह अपनी जिंदगी के कुछ दर्दनाक पन्नों को कभी खोलना ही नहीं चाहती थीं और न ही कभी अपने खयालों में भी लाना चाहती थीं, लेकिन इस फिल्म के लिए मुझे यह करना पड़ा। फिल्म की बेहद शानदार स्क्रिप्ट पढ़ने के बाद मुझे एहसास हुआ कि इस किरदार को निभाने के लिए मुझे अपने दफन हो चुके अतीत की बर्फीली दरारों में गहराई तक उतरना होगा और अपनी निजी जिंदगी में झेले गए दर्द का फिर से सामना करना होगा, तभी इस लड़की को (मीरा) के किरदार और उसकी यात्रा को स्क्रीन पर असरदार और प्रामाणिक ढंग से पेश किया जा सकता है।
इस प्रतिष्ठित पुस्तक पर आधारित एक फिल्म 2016 के दौरान मेष में भी बन गई है, जिसमें एमिली ब्लंट ने लीड रोल किया था। इसके बॉलीवुड संस्करण में परिणीति चोपड़ा एक महिला तलाकशुदा अल्कोहोलिक महिला की भूमिका निभा रही हैं, जो ट्रेन में सवार होती है और एक गुमशुदा व्यक्ति की तलाशवाली जांच-पड़ताल में उलझ जाती है। रूपान कई गहरे राज खुलने लगते हैं। परिणीति अपना अनुभव साझा करते हुए कहती हैं, ‘यह फिल्म मुझे बार-बार नरक में खींच ले जाती थी और मैं बाहर की ओर भागती थी, क्योंकि अपने अतीत के बारे में लगातार सोचते रहना आसान नहीं था। शारीरिक और मानसिक रूप से बेहद आवेश भरी शूटिंग करने से पहले मेरा अतीत मुझे लगातार एक नुकीली कगार पर खड़ा रखता था। कई बार तो इसने मुझे तोड़ कर रख दिया था, वर्तमान में इस बात से खुश हैं कि टैक्सी वर्तमान में लोगो को जमकर पसंद आ रही है और उनकी एक्टिंग महज तकनीक से ही क्रिटिक्स और फैन्स को पसंद आ रही है तो उम्मीद है कि उस फिल्म को पसंद करें आओगी। ‘ ‘द गर्ल ऑन द ट्रेन’ का एक डायरेक्ट-टू-डिजिटल प्रीमियर 26 फरवरी को नेटफ्लिक्स पर होगा। इस फिल्म को रिबूत दासगुप्ता ने निर्देशित किया है।