
कुमार विश्वास (कुमार विश्वास) ने 1994 में राजस्थान के एक कॉलेज में लेक्चरर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने कई कवि-सम्मेलनों में हिस्सा लिया है और इसके साथ ही वह मैग्जीन के लिए भी लिखते हैं। उन्होंने आदित्य दत्त की फिल्म ‘चाय गरम’ में अभिनय भी किया है। उनके दो काव्य-संग्रह ‘एक पगली लड़की के बिन’ और ‘कोई दीवाना कहता है’ भी प्रकाशित हुए हैं। विख्यात लेखक धर्मवीर भारती ने कुमार विश्वास को अपनी पीढ़ी का सबसे ज्यादा संभावनाओं वाला कवि कहा था तो वहीं प्रसिद्ध हिंदी गीतकार नीरज ने उन्हें ज निशा-ज्ञान ’की संज्ञा दी थी।
कुमार विश्वास के पिता चाहते थे कि ये इंजीनियर बनें, लेकिन कुमार विश्वास का सपना कुछ अलग ही करने का था। उन्होंने कंप्यूटर की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और हिंदी साहित्य में स्नातक कर लिया। मा करने के बाद उन्होंने ‘कौरवी लोकगीतों में लोकचेतना’ विषय पर पीएचडी प्राप्त की। कुमार विश्वास 2011 में जनलोकपाल आंदोलन का भी हिस्सा थे। उन्होंने 2014 में अमेठी से राहुल गांधी और स्मृति ईरानी के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें जीत हासिल नहीं हुई थी।
कुमार विश्वास अपने दो टूक बयानबाजी के लिए भी जाने जा रहे हैं। एक बाद उन्होंने दोनों पर तंज कसते हुए कहा कि दोनों नेताओं की तरह मैं चमचे नहीं पालता और न ही दूसरे के खर्चे पर हवाई यात्रा करते हैं। मैं जो कवि सम्मेलन से पैसे जुटाता हूं, उसी से अपना खर्च निकालता हूं।