प्रतीक बब्बर बोले, अपने काम से एहसास कराऊंगा कि मैं स्मिता पाटिल का बेटा हूं- News18 हिंदी


मुंबई। फिल्म जगत की दमदार अभिनेत्री बनी स्मिता पाटिल (स्मिता पाटिल) और एक्टर से राजनेता बने राज बब्बर (राज बब्बर) के बेटे प्रतीक बब्बर (प्रतीक बब्बर) इन दिनों अपने अभिनय को लेकर संजीदा है। प्रतीक का नाम उन एक्टर में शुमार है जिसने नशे की लत में अपना करियर खत्म कर लिया था, लेकिन जल्द ही खुद को बचा लिया गया। इन दिनों प्रतीक काम में डूबे हुए हैं।

प्रतीक निर्देशक फहाद सामजी के निर्देशन में बन रही फिल्म ‘बच्चन पांडे’ (बच्चन पांडे) की शूटिंग में व्यस्त हैं। इसके अलावा ओटीटी प्लेटफॉर्म पर उनकी कई फिल्में जल्द रिलीज होंगी। मधुर भंडारकर की फिल्म भारत लॉकडाउन में भी नजर आएंगे। सच्ची कहानी पर आधारित इस फिल्म में प्रतीक एक प्रवासी मजदूर की भूमिका में दिखेंगे। लगभग छह साल पहले प्रतीक बब्बर को यह एहसास हुआ कि उनके फिल्मी करियर को गंभीरता से लेने की जरूरत है।

टाइम्स से बात करते हुए प्रतीक बब्बर ने बताया कि ‘अब मैं अपनी आखिरी सांस तक काम करूंगा। मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि मैं अब अपने काम पर ध्यान दे पा रहा हूं।एक बार शुरुआत हुई ये सिलसिला खत्म नहीं होगा। क्योंकि इसने मुझे मानसिक और भावनात्मक रूप से संबल दिया है। एक बार ऐसा आया था कि मुझे लगने लगा था कि सब कुछ खत्म हो गया है। मैं अपने काम को मिस करने लगा था। मैंने इस बारे में कोशिश करना शुरु कर दिया था क्योंकि ये इतना आसान नहीं था, इसमें मुझे तीन साल लगे। अब मैं अपने भविष्य को लेकर काफी आशावान हूं। ‘

जब प्रतीक से जानने की कोशिश की गई कि आखिर उन्हें कब लगाया कि ट्रैक पर आना चाहिए तो प्रतीक बताते हैं कि ‘ये लगभग 2016-2017 का समय रहा होगा जब मैं नशे और ड्रग्स की लत को छोड़ने में कामयाब रहा। और यही समय था जब मैं अपने काम को लेकर संजीदा हुआ। मैं एक्टिंग के करियर में कुछ ऐसा करना चाहता हूं जो मुझे एक एक्टर के तौर पर संतुष्टि दे सके। इसलिए अलग-अलग तरह के रोल चूने के लिए तैयार हो गए हैं। आई प्ले और शॉर्ट फिल्मों से शुरुआत की। मैंने पैसे के लिए काम नहीं किया। कई बार मैंने मुफ्त में भी काम किया ताकि लोग मेरे काम को पहचान सकें। मेरी इस कोशिश के बाद एक बार जो काम मिलने का सिलसिला शुरु हुआ उसके बाद अब मुझे पीछे मुड़कर देखने की जरूरत नहीं है। मैंने २०१ मैंने में मुल्क (मुल्क), बागी २ (बागी २) और २०१ ९ में छछोरे (छीछोरे) फिल्म में काम किया।

दिग्गज अभिनेत्री स्मिता पाटिल की विरासत को आगे ले जाने की जिम्मेदारी के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रतीक भावुक हो कर कहते हैं कि एहसास मुझे इस बात का एहसास है। मैं इस जिम्मेदारी को बोझ की तरह नहीं समझता लेकिन मुझे समझ है कि मैं स्मिता पाटिल का बेटा हूं। मैं अपनी मां के प्रदर्शन विरासत को अंतिम सांस तक प्रयासाने की कोशिश करूंगा। मेरी माँ अभिनय प्रतिभा की धनी महिला थे जिन्होंने बहुत कम समय में अपने अभिनय की अमित छाप बॉलीवुड में छोड़ी है .. समानांतर सिनेमा की दिग्गज अभिनयत्री के रूप में उनकी कालजयी फिल्में भारतीय सिनेमा की विरासत है। मैं खुद को बेहद भाग्यशाली मानता हूं कि मैं स्मिता पाटिल का बेटा हूं। अगर उनके प्रदर्शन का थोड़ा भी अंश मुझे लगता है कि मैं पाऊं तो ये मेरे लिए बहुत ही गौरव की बात होगी। मैं अपने काम से अपनी मां को गर्व का एहसास करवाना चाहता हूं, ताकि लोग कहें कि मैं स्मिता पाटिल का बेटा हूं। सिर्फ इसी कारण से मैंने एक्टिंग की दुनिया में सुधार की है। ‘





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