
1942 में ‘बसंत’ फिल्म से उन्होंने अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत की थी। 9 साल की उम्र में उन्हें ‘बेबी मुमताज’ का नाम दिया गया। दिलचस्प बात यह है कि उनकी दोस्ती उस दौर की दूसरी प्रसिद्ध बाल कलाकार ‘बेबी महजबीं’ से हो गई है। ‘बेबी मेहजबीं’ और कोई नहीं बल्कि मीना कुमारी ही थीं।
मधुबाला ने ‘नील कमल’ से बतौर लीड एक्ट्रेस हिंदी फिल्मों में डेब्यू किया। मधुबाला की सुंदरता और लोकप्रियता का आलम ये था कि ऑस्कर अवॉर्ड विनर निर्देशक फ्रैंक कापारा मधुबाला को Google में ब्रेक देने का मन भी बना चुके थे, लेकिन मधुबाला ने मनाया कर दिया। मधुबाला का फिल्मी करियर जितना सफल रहा था, उतनी ही परेशानियां उन्हें अपनी निजी जिंदगी में झेलनी पड़ी थी।
मधुबाला का नाम डायरेक्टर कमल अमरोही और दिलीप कुमार से जुड़ा था। मधुबाला ने 1949 में कामार अमरोही की फिल्म ‘महल’ में काम किया था, जो उनके करियर का टर्निंग प्वॉइंट साबित हुआ था। इसी तरह उनके बीच प्यार की शुरुआत हो गई, लेकिन कमाल पहले से शादीशुदा थे और कुछ समय बाद मधुबाला और काम का रिश्ता टूट गया। इसके बाद 1951 में फिल्म ‘तराना’ के सेट पर मधुबाला और दिलीप कुमार की मुलाकात हुई। दोनों बहुचर्चित फिल्म ‘मुगल-ए-आजम’ में साथ नजर आए थे। हालांकि उनका संबंध बहुत आगे नहीं बढ़ पाया। वर्ष 1956 में मधुबाला की मुलाकात किशोर कुमार से हुई। 1960 में दोनों की शादी हो गई।
मधुबाला के दिल में ही छेद नहीं था, बल्कि उन्हें फेफड़ों की भी परेशानी थी। इसके अलावा उन्हें एक और गंभीर बीमारी थी जिसमें उनके शरीर में आवश्यक मात्रा से ज्यादा खून बनने लगता था और ये खून उनकी नाक और मुंह से बाहर आता था। मधुबाला नौ साल तक बिस्तर पर पड़ी रही। कुछ असफल रिश्ते और दिल की बीमारी से जूझती मधुबाला ने 23 फरवरी, 1969 को महज 36 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया।