
(फोटो क्रिट: इंस्टाग्राम / @ thesajidwajid)
साजिद खान (साजिद खान) का कहना है कि उनकी जोड़ी कभी ना टूटती थी और ना ही टूटेगी। क्योंकि वाजिद (वाजिद खान) भले ही फिजिकली इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन वह अपनी कला के जरिए हमेशा उनके और फैंस के दिलों में जिंदा रहेगा।
साजिद खान ने कहा- ‘मैं नहीं चाहता कि लोग मुझे साजिद खान कहें, इसीलिए मैंने अपना नाम के आगे वाजिद अपने सरूम की तरह इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। मेरा नाम साजिद-वाजिद और अंत तक यही रहेगा। मुझे हमेशा वाजिद के होने का अहसास होता है। मैंने म्यूजिक कंपोज करना शुरू कर दिया, लेकिन मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं कभी ऐसा करूंगा। यह सब उसी की वजह से है। ‘
साजिद आगे कहते हैं- ‘मुझे लगता है कि उस समय में वाजिद मेरे साथ रहता है। हम तीन भाई थे। वाजिद, जावेद और मैं। जब हमारे पिता ठीक नहीं थे, तो उन्होंने हमसे कहा था कि कभी कोई चीज को अपने बीच में आने देना। हम मुसलमानों की एक मिसाल पेश करना चाहते थे। आज पैसों, पावर और करियर को बहुत महत्व दिया जाता है। भाई-बहन एक दूसरे से मिलते तक नहीं हैं। बच्चे अपने बूढ़े माता-पिता की देख-भाल नहीं करते। लेकिन, हम भी बिलकुल भी नहीं हैं। हम एक-दूसरे से बहुत जुड़े हुए हैं। ‘

संगीतकार राशि
‘मैं वाजिद से बहुत क्लोज था। मैं उसके साथ आईसीयू में पीसीई किट पहनकर मिला। तब एक समय ऐसा आया, जब मुझे लगा कि मुझे चले जाना चाहिए। मुझे उसके साथ चले जाना चाहिए। उसके जाने के बाद यह खालीपन भर पाना बहुत मुश्किल है। मैंने जब उसे खो दिया तो मैंने सलमान भाई को कहा कि मुझे नहीं लगता कि मुझमें कोई आग बची है। उन मुश्किल दिनों में वह मेरा सबसे बड़ा सपोर्ट सिस्टम थे। ‘