
बिहार विधानसभा में भाजपा के एक विधायक विनय बिहारी ने अजीब सी मांग बिहार सरकार से कर दी है।
बिहार समाचार: बीजेपी विधायक विनय बिहारी ने बहीर सरकार से कहा है कि कही अगर भोजपुरी गानों से अश्लीलता खत्म करनी है, तो सरकार को इसी तरह भोजपुरी हुर और हरीन के साथ-साथ जो भी इस तरह के अश्लील गाने बनाते हैं या गाते हैं उन्हें तुरंत जेल भेज देते हैं देना चाहिए।
बिहार विधानसभा में भाजपा के एक विधायक विनय बिहारी ने अजीब सी मांग बिहार सरकार से कर दी है। विनय बिहारी ने सरकार से कहा कही बिहार सरकार ने अश्लील गानों के खि़लाफ़ यह आदेश निकाला है कही जो भी ऐसा होगा उनपर कार्रवाई होगी, लेकिन बावजूद इसके इसमें कोई रोक नहीं लग रही है। अगर भोजपुरी गानों से अश्लीलता खत्म करनी है, तो सरकार को उसी भोजपुरी हूर और हूरिन के साथ-साथ जो भी इस तरह के अश्लील गाने बनाते हैं या गाते हैं, उन्हें तुरंत जेल भेज देना चाहिए। अगर दो-चार बड़े भोजपुरी स्टार को अश्लील गाने गाने पर जेल भेजा जाता है तो यह कदम से अश्लील गाने बनाने और गानेवालों में डर जाएगा, जिसका सबसे बड़ा फ़ायदा भोजपुरी गानों और फ़िल्मों को होगा।
विनय बिहारी कहते है कही जब अंगिका, मैथिली, मगही जैसी भाषाओं में भी फि़ल्में बनती है तो उसके गाने अश्लील क्यों नहीं बनते है। सिर्फ भोजपुरी गानों में ही अश्लीलता क्यूं होती है। मैं भी कलाकार हूँ, फ़िल्मों में काम करता हूँ, गाने भी लिखता और गाता हूँ, लेकिन मैंने ना तो ऐसे गीत लिखे या फ़िल्मों में गाने गाये हैं। बहीर सरकार से मा माँग करता हूँ कही भोजपुरी फ़िल्मों और बनने वाले गानों से अश्लीलता को खत्म किया जाना और जो भी कड़े कदम उठाना हो उठाया ताकि भोजपुरी फ़िल्मों की मधुरता और खनक कायम रह सके।
लेकिन ऐसा करना इतना आसान नहीं है क्योंकि आज शायद ही कोई भी भोजपुरी फ़िल्में बनती है, जिसमें गानों से लेकर कहानी तक में अश्लीलता ना हो। भोजपुरी फ़िल्मों के बाज़ार में ऐसी ही गानों की मांग है जिसमें दो अर्थी शब्द और भाव हो। होने-मानी भोजपुरी गायिका और वकील ख़ुशबू उत्तम कहती है कि हमारे पास ऐसे ही गानों की फ़रमाइश आती है, जिसमें अश्लीलता भरी रहती है। कई बार तो ऐसे गाने गाने का मन भी नहीं करता है लेकिन इस उद्योग में ऐसे ही गाने का डिमांड है तो क्या करें, लेकिन फिर भी बहुत बार ऐसे गानों से परहेज़ करते हैं।कभी दौर था जब ‘बागी ना वही छूटे रामा, जा रहा है। रे सुगना जा रहा है ‘,’ कही दे सजनवा ‘से जैसे गाने बनते थे लेकिन आज वो सुनहरा दौर ख़त्म हो गया है। उसकी जगह अश्लीलता ने ले ली है लेकिन सरकार को इसे रोकने के लिए कड़े कदम उठाना बेहद ज़रूरी है केवल भोजपुरी फ़िल्मों की आत्मा और उसकी मधुरता को क़ायम रखा जा सकता है।