विवेक रंजन की तारीफ पर भावुक कंगना रनौत बोलीं- भले ही अनचाही थी पर अब बन गई हूं जरूरत


फिल्ममेकर विवेक रंजन अग्निहोत्री ने ट्वीट कर कंगना रनौत की तारीफ की है।

फिल्ममेकर विवेक रंजन अग्निहोत्री (विवेक रंजन अग्निहोत्री) ने भी ट्वीट कर कंगना रनौत (कंगना रनौत) की तारीफ की है। अपनी तारीफ सुनकर कंगना का खुश होना स्वाभाविक है। खुशी से भावुक हुईं कंगना ने ट्वीट कर विवेक रंजन की तारीफ पर अपनी बात कही है।

मुंबई। बॉलीवुड की ‘पंगा गर्ल’ कंगना रनौत (कंगना रनौत) फिल्म इंडस्ट्री ही नहीं देश भर में अपनी बेबाक बयानबाजी के लिए जानी चाहिए। वे बॉलीवुड के कई कलाकारों और निर्देशकों से सोशल मीडिया पर ‘पंगा’ ले चुके हैं, लेकिन वे तेज-तर्रार माने जाे वाले राजनेताओं को भी कई बार जवाब दे चुके हैं। वे सोशल मीडिया किसी भी विषय पर अपनी राय रखने के लिए भी होना चाहिए।

इस वर्ष कंगना को ‘पंगा’ और ‘मणिकर्णिका’ के लिए बटल एक्ट्रेस का राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया है। इसके बॉलीवुड के कलाकार और फैंस एक्ट्रेस की जमकर तारीफ कर रहे हैं। फिल्ममेकर विवेक रंजन अग्निहोत्री (विवेक रंजन अग्निहोत्री) ने भी ट्वीट कर कंगना की तारीफ की है। अपनी तारीफ सुनकर कंगना का खुश होना स्वाभाविक है। खुशी से भावुक हुईं कंगना ने ट्वीट कर विवेक रंजन की तारीफ पर अपनी बात कही है।

कंगना ने अपने ट्वीट में लिखा है, ‘मैं एक अनचाही गर्ल चाइल्ड थी, आज मैं बस्ट और जूनूनी फिल्ममेकर्स, कलाकारों और तेजिशियन्स के साथ काम करती हूं। मैं पैसों और फेम के लिए कोई काम नहीं करता, मैं अपने काम से प्यार करता हूं। इन्हीं कारणों से विश्व के बस्ट लोग मेरी ओर से कहते हैं कि केवल आप ही यह कर सकते हैं। मुझे यह पता है कि, मैं एक अनवांटेड गर्ल चाइल्ड थी लेकिन दुनिया को मेरी जरूरत थी। बहुत जरूरत थी। ‘ अपने ट्वीट के अंत में उन्होंने लाल कलर की दिल वाली इमोजी भी बनाई है।

कुछ समय पहले कंगना ने फिल्म ‘तेजस’ की शूटिंग के बारे में बताते हुए एक ट्वीट किया था। इसमें एक्ट्रेस ने बताया था कि कैसे उन्होंने 50 डिग्री तापमान वाली मुश्किल स्थिति में अपनी फिल्म ‘तेजस’ का एक्शन सीन शूट किया है। कंगना के उसी ट्वीट को कोट करते विवेक रंजन ने उनकी तारीफ की है। विवेक रंजन ने लिखा है- ‘मुझे लगता है कि कंगना और उनकी टीम को विभाजित -19 के मुश्किल समय में भी बिना रुके, ऊर्जा के साथ लगातार काम करके शानदार फिल्मों करने के लिए अवॉर्ड दिया जाना चाहिए। जरा सोचिए ‘जयललिता’ की बायोपिक से एक्शन से एयर फोर्स तक … एक जीवन जिसके लिए जान दी जा सकती है। बहुत से युवा कार्यकर्ताओं को उनसे सीखना चाहिए। ‘








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