जैसा कि राजस्थान में जबरन वसूली, गोलीबारी और गिरोह से संबंधित अन्य मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है, राज्य पुलिस अंततः संगठित अपराध नेटवर्क और हिस्ट्रीशीटरों, दोनों जमीनी और ऑनलाइन, पर कार्रवाई कर रही है।
![सफ़ाई अभियान: 25 अप्रैल को राज्यव्यापी छापेमारी के दौरान कोटपूतली में पुलिस एक संदिग्ध को ले गई। (फोटो: पुरूषोत्तम दिवाकर) सफ़ाई अभियान: 25 अप्रैल को राज्यव्यापी छापेमारी के दौरान कोटपूतली में पुलिस एक संदिग्ध को ले गई। (फोटो: पुरूषोत्तम दिवाकर)](https://akm-img-a-in.tosshub.com/indiatoday/images/story/202305/rajasthancrackdown1-sixteen_nine.jpg?VersionId=R2hXSYj6Kss2EW5FAImjzOgGBRdIYF1M&size=690:388)
सफ़ाई अभियान: 25 अप्रैल को राज्यव्यापी छापेमारी के दौरान कोटपूतली में पुलिस एक संदिग्ध को ले गई। (फोटो: पुरूषोत्तम दिवाकर)
सीऐसा प्रतीत होता है कि प्रधान मंत्री अशोक गहलोत ने 16 अप्रैल को जयपुर में राजस्थान पुलिस स्थापना दिवस कार्यक्रम में अपने संबोधन में उत्तर प्रदेश के समकक्ष योगी आदित्यनाथ की किताब से कुछ सीख ली है। उन्होंने घोषणा की, “हमारी पुलिस डरेगी नहीं।” “गैंगस्टरों और अपराधियों को या तो आत्मसमर्पण कर देना चाहिए अन्यथा वे बर्बाद हो जायेंगे।” उसी दिन, एक दशक के बाद भगोड़ों पर इनाम की राशि बढ़ा दी गई, साथ ही राज्य के शीर्ष पुलिस अधिकारी को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये के इनाम की घोषणा करने की शक्तियां मिल गईं।