द्रमुक सरकार राज्य के तीर्थस्थलों और उनके प्रबंधन को संवार रही है-और इस प्रक्रिया में सूक्ष्मता से अपनी छवि भी बदल रही है
![मचान: तमिलनाडु के कांचीपुरम में अरुल्मिगु वरगीश्वरन मंदिर में रखरखाव का काम। मचान: तमिलनाडु के कांचीपुरम में अरुल्मिगु वरगीश्वरन मंदिर में रखरखाव का काम।](https://akm-img-a-in.tosshub.com/indiatoday/images/story/202305/arulmigu_varageeswaran-kanc-sixteen_nine.jpg?VersionId=qrKke4_mKvZP7FY95b10lDEO2wgWlrq8&size=690:388)
मचान: तमिलनाडु के कांचीपुरम में अरुल्मिगु वरगीश्वरन मंदिर में रखरखाव का काम।
टी एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) सरकार राज्य के मंदिरों को नया रूप देने और बदले में खुद को भी एक नया स्वरूप देने का प्रयास कर रही है। हिंदू मंदिरों के लिए बड़े पैमाने पर नवीकरण योजना चल रही है, जिसमें अतिक्रमित भूमि की पुनः प्राप्ति भी शामिल है। राज्य का हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती (एचआर एंड सीई) विभाग, जो तमिलनाडु में मंदिर प्रशासन की देखरेख करता है, तेजी से बेदखली नोटिस जारी कर रहा है। पिछले दो वर्षों में संरक्षण और तीर्थयात्रियों की सुविधाएं बनाने के लिए बजटीय आवंटन कई गुना बढ़ गया है।